धर्मशाला, 17 मई।
कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भविष्य के संरक्षण के लिए सरकार तथा महिला बाल विकास विभाग मददगार की भूमिका का निर्वहन भी कर रहा है। कोविड-19 महामारी के चलते फतेहपुर ब्लाक की एक पंचायत में बेसहारा हुए भाई-बहिन की देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आर्थिक मदद स्वीकृत की गई है।
भाई दसवीं कक्षा का विद्यार्थी है जबकि बहन दस वर्ष की है। उल्लेखनीय है कि उक्त बच्चों की माता का देहांत कोविड के चलते 29 अप्रैल को हुआ जबकि पिता का देहांत कोविड के चलते ही पांच मई को हुआ है। इन बच्चों की धातृ देखभाल के लिए प्रतिमाह 2500-2500 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिसमें पांच सौ-पांच सौ रूपये प्रतिमाह जमा करवाए जाएंगे।
उपायुक्त राकेश प्रजापति ने बताया कि महिला बाल एवं विकास विभाग द्वारा अनाथ, बेसहारा व दिव्यांग बच्चों को संरक्षण, शिक्षा तथा आर्थिक मदद प्रदान करने का प्रावधान किया गया है जिसमें संस्थागत देखभाल में संरक्षण पोषण स्वास्थ्य शिक्षा एवं मनोरंजन की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जबकि गैर संस्थागत, धातृ देखरेख में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के चलते बेसहारा हुए फतेहपुर ब्लाक की एक पंचायत के भाई-बहन के संरक्षण के लिए परिवार के अन्य सदस्यों ने हामी भरी है जिसके चलते उनकी देखभाल के लिए महिला बाल विकास विभाग की ओर से प्रतिमाह 2500-2500 की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। उपायुक्त राकेश प्रजापति ने बताया कि कांगड़ा जिला में वर्तमान में पांच बाल देखभाल संस्थान तथा एक खुला आश्रम गृह है।
इन बाल देखभाल संस्थानों में इस समय कुल 121 अनाथ, बेसहारा, दिव्यांग तथा यौन उत्पीड्ति बच्चेे हैं जिन के लिए संरक्षण, पौषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन व अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत सिंह ने बताया कि नाबालिग बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण प्रदान करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण कार्यालय, बाल कल्याण समिति तथा चाइल्ड हेल्पलाइन को तुरंत सूचित करें ताकि ऐसे बेसहारा बच्चों को समय पर संरक्षण एवं सुरक्षा प्रदान की जा सके। ऐसे बच्चों से संबंधित सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दी सकती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी 9805286880 तथा बाल कल्याण समिति 98162 76674 पर भी सूचना दी सकती है।