लंज, निजी संवाददता
32 मील रानीताल मार्ग पर हारचकियाँ के समीप स्थित हनुमान मंदिर में महावीर बजरंगी हनुमान जी का जन्मदिन मनाया गया । कोरोना के पहरे के बीच लोग अपने आराध्य देव की पूजा की , कोविड़ नियमों का पालन करते हुए सुबह से हनुमान चालीसा,अभिषेक व हवन के साथ पूजा अर्चना की गई ।
हनुमानजी की आराधना से दूर होती है विपत्ति
वहीं आपको बता दे कि हनुमानजी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दिवस मंगलवार को हुआ था। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की अवधारणा से ओतप्रोत बजरंबली मंगलवार को अवतरित होकर सदैव अमंगलकारी तत्वों का विनाश कर सिर्फ मंगल ही करते हैं।
पलक झपकते निर्णय लेने और लिये गये निर्णय को कार्यान्वित करने की प्रेरणा यदि लेनी हो तो हनुमान से बेहतर अन्य नहीं दिखता। जयोतिष के दृष्टिकोण से किसी भी क्रूर ग्रह की दशा में (विशेषकर शनि,राहु,केतु) इनकी विशेष आराधना महाफलदायी मानी गई है।
रामभक्त हनुमान को यदि शुक्लपक्ष के मंगलवार से आरंभ कर इक्कीस दिन तक लगातार पूर्ण आस्था के साथ सुन्दरकाण्ड का पाठ सुनाया जाय तो निश्चित रूप से बिगड़ते काम बनने लग जाते हैं।किसी समस्या के निवारण हेतु यह काम्य प्रयोग फलदायी है।इसके अतिरिक्त हनुमान बाहुक, बजरंग बाण या हनुमान चालीसा के पाठ से भी रोग निवारण अथवा शत्रु संहार तक संभव है।