बिलासपुर, सुभाष चंदेल
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) की केंद्रीय प्रायोजित परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है। झंडूता विस क्षेत्र के विधायक जेआर कटवाल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 59.048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये यानि 60 प्रतिशत खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों की ओर से खर्च किया जाएगा।
कटवाल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मुख्य संशोधन अनुमोदित किए हैं। जिनमें गरीब से गरीब परिवारों के 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। अनुमान है कि 1.36 करोड़ ऐसे सबसे गरीब छात्र जो वर्तमान में 10वीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं। उनको को अगले पांच वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा।
वर्ष 2021-22 से प्रारंभ करते हुए इस स्कीम में केंद्र का अंश 60 प्रतिशत निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विद्यार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी मोड के माध्यम में सीधे जारी किया जाएगा। केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 1100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी। उसे वर्ष 2020-21 से 2025-26 के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया जाएगा।