सफलता की कहानीः राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से बल्ह के देवेंद्र कुमार के जीवन में आया सुखद बदलाव

--Advertisement--

सफलता की कहानीः राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से बल्ह के देवेंद्र कुमार के जीवन में आया सुखद बदलाव, जल शक्ति विभाग बग्गी में ई-टैक्सी सेवाएं प्रदान कर हर माह कमा रहे 50 हजार रुपए

हिमखबर डेस्क 

प्रदेश सरकार की 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना मंडी के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह लेकर आई है। इस योजना के अंतर्गत मंडी जिला में अनेक युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है। इसी कड़ी में जलशक्ति विभाग, मंडी में वर्तमान में तीन ई-टैक्सियाँ सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं।

यह इलेक्ट्रॉनिक टैक्सियाँ पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा के अनुरूप हैं। ई-टैक्सी विभागीय कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक होने के साथ ही स्थानीय युवाओं को स्थायी आय एवं स्वरोजगार के साधन भी प्रदान कर रही हैं।

प्रदेश सरकार की इस योजना ने बल्ह उपमंडल के मांडल गाँव निवासी देवेंद्र कुमार पुत्र लेख राज की जिंदगी की दिशा ही बदल दी है। कभी दूसरों की गाड़ी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले देवेंद्र अब स्वरोजगार के माध्यम से सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं।

देवेंद्र कुमार ने बताया कि योजना का लाभ उठाने से पहले वे दूसरों की टैक्सी चलाकर परिवार का खर्च चलाते थे। इससे आय बहुत कम थी और जीवन में स्थायित्व की कमी महसूस कर रहे थे।

जब उन्हें प्रदेश सरकार की ई-टैक्सी योजना के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने वर्ष 2024 में इसके लिए आवेदन किया। इसके बाद उन्हें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मंडी से ड्राइविंग टेस्ट के लिए बुलावा आया।

पड्डल मैदान, मंडी में आयोजित यह ड्राइविंग टेस्ट उन्होंने सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। मेरिट सूची में स्थान मिलने के बाद, दिसंबर, 2024 में रोजगार विभाग द्वारा योजना के लाभार्थी के रूप में उनका चयन किया गया।

देवेंद्र ने बताया कि तत्पश्चात पहली जनवरी, 2025 से उन्होंने मंडी जिला के जल शक्ति विभाग के बग्गी कार्यालय में अपनी ई-टैक्सी लेकर सेवाएं देना शुरू कर दीं।

देवेंद्र कुमार बताते हैं कि ई-टैक्सी की कुल कीमत 14,49,800 रुपये थी, जिसमें से उन्होंने अपनी जेब से मात्र डेढ़ लाख रुपये नगद योगदान दिया।

राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से ई–टैक्सी खरीदने के लिए 7 लाख 50 हजार रुपये का नगद उपदान दिया गया।

उन्होंने गर्व से कहा कि वर्तमान में अपनी ई-टैक्सी से वे प्रतिमाह लगभग 50 हजार रुपये की शुद्ध आय कमा रहे हैं। इससे बैंक की किस्त प्रतिमाह 12 हजार रुपए समय पर अदा करने के बाद भविष्य के लिए बचत करते हुए परिवार का भरण-पोषण भी बेहतर ढंग से कर पा रहे हैं।

देवेन्द्र कहते है कि यह योजना उनके लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई है। उन्होंने प्रदेश सरकार और विशेषतौर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का यह एक अच्छा कदम है।

यदि प्रदेश के अधिक से अधिक युवा इस योजना का लाभ उठाएं तो बेरोजगारी की समस्या में काफी कमी आ सकती है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

बारिश-बर्फबारी के लिए हो जाओ तैयार, प्रदेश में इस दिन से करवट बदलेगा मौसम

शिमला - नितिश पठानियां  हिमाचल प्रदेश में चार और पांच...

सेब के 23 ट्रक डकार गया आढ़ती, रोहड़ू के बागबान को पैसे के बदले मिली धमकी

हिमखबर डेस्क  शिमला जिला के पुलिस थाना रोहड़ू के तहत...

हिमाचल में ”चिट्टे” के खात्मे काे सरकार ने छेड़ी निर्णायक जंग, 15 नवंबर को शिमला से शुरुआत

हिमखबर डेस्क  मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उच्च स्तरीय बैठक...