काँगड़ा – राजीव जस्वाल
प्रसिद्ध जयंती माता मंदिर में पंच भीष्म मेले एक नवम्बर से लेकर 5 नवम्बर तक होंगे। मंदिर में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी राज्यों के श्रद्धालु भी मां के दर शीश नवाने पहुंचते है। पांच दिन 5 अखंड दीपक जलते रहेंगे वहीं लोग भी मंदिर व अपने घरों में अखंड दीपक इन दिनों जलाते हैं। इन 5 दिनों के मेलों के दौरान तुलसी पूजन भी किया जाता है।
जयंती माता मंदिर के वरिष्ठ पुजारी नरेश शर्मा ने बताया कि जिन बहनों ने भाई दूज पर अपने भाइयों के माथे पर तिलक किसी कारणवश नहीं लगाया है, तो इन 5 दिनों में भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई दूज मना सकती हैं। इन मेलों के दौरान 5 दिए मां के दरबार में 5 दिन तक जलते रहेंगे। मां जयंती का मंदिर कांगड़ा के साथ लगती पहाड़ी पर स्थित जयंती माता का मंदिर काफी प्राचीन हैं।
वरिष्ठ पुजारी नरेश शर्मा ने बताया कि तुलसी को गमले में लगाकर उसे घर के भीतर रखा जाता है और चारों और केले के पत्र लगाकर दीपक जलाया जाता है। कांगड़ा किला के बिल्कुल सामने 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित मां दुर्गा की छठी भुजा का एक रूप है।

