आरएसएस 100 वर्ष: संघ ने पंच प्रण और पंच परिवर्तन के साथ किया राष्ट्र निर्माण का आह्वान

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संघ शताब्दी वर्ष एवं विजयदशमी पर हमीरपुर में भव्य पथ संचलन

हिमखबर डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आज हमीरपुर नगर में विजयादशमी पर पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन का कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण, एकत्रीकरण और शस्त्र पूजन से हुआ जिसमें स्वयंसेवकों ने अनुशासनपूर्वक भाग लिया।

इसके पश्चात पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला गया जिसमें स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया और संघ के प्रति अपना गौरव एवं सम्मान प्रकट किया। इस अवसर पर हमीरपुर नगर में दो स्थानों हमीरपुर नगर केंद्र तथा बड्डु एस डी स्कूल में आयोजित कार्यक्रमों में 180 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में तथा समाज से 220 से अधिक बंधु-भगिनी उपस्थित रहे।

हमीरपुर शहर के मध्य टाउन हाल में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ नागरिक परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष विजय पुरी रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में संघ की अनुशासन और संगठन क्षमता की प्रशंसा करते हुए इसे समाज और राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण आधार बताया। उन्होने कहा की किसी भी संस्था के जीवन में 100 वर्ष का पड़ाव अत्यंत महतव का होता हैं और जब राष्ट्र जीवन में यह कार्य किया गया हो तो इसका महत्व और बढ़ जाता हैं।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप समयाल ने संघ की 100 वर्षों की अखंड साधना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने स्वयंसेवकों को राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर जीवन समर्पित करने की प्रेरणा दी।

अपने उद्बोधन में उन्होंने संघ के पंच परिवर्तन विषयों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सामाजिक समरसता, स्व का भाव, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य ऐसे विषय हैं जिन्हें जीवन में उतारकर हम राष्ट्र को उत्कृष्ट राष्ट्र की ओर अग्रसर कर सकते हैं।

उन्होंने उपस्थित सभी स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे पंच परिवर्तन के इन विषयों को अपने आचरण और व्यवहार में अपनाकर उन पर सतत कार्य करने का संकल्प लें तथा राष्ट्र को उन्नति की दिशा में ले जाने में अपना योगदान दें। यह आयोजन संघ के अनुशासन, समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रेरणादायी प्रतीक रहा।

उन्होने कहा कि आज का दिन विशेष महत्व का है, क्योंकि हम विजयदशमी का पावन पर्व, संघ स्थापना दिवस और संघ की शताब्दी वर्षगांठ तीनों का उत्सव एक साथ मना रहे हैं। उन्होंने संघ की स्थापना, संघर्ष और विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण से प्रारंभ होकर समाज संगठन की दिशा में आगे बढ़ा और आज राष्ट्र निर्माण की धारा में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन चुका है।

उन्होंने शक्ति पूजन और शस्त्र पूजन की परंपरा को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि शक्ति के बिना शस्त्र और शस्त्र के बिना शक्ति अधूरी है, शस्त्र पूजन समर्पण का प्रतीक है और शक्ति संपूर्ण ब्रह्मांड की आधारशिला है। एक अन्य कार्यक्रम में बिलासपुर विभाग के मुख्य मार्ग प्रमुख पवन संख्यान मुख्य वक्ता रहे तथा व्यवसायी विजय कुमार मुख्य अतिथि रहे।

ये रहे उपस्तिथ

इस अवसर पर विहिप प्रांत सह मंत्री पंकज भारतीय, व्यपार मण्डल के अध्यक्ष सुमित ठाकुर, शिव मंदिर कमेटी के महासचिव विनोद पूरी, पार्षद सुदेश आनंद, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष आनंद स्वरूप, अखिल भारतीय विध्यार्थी परिषद की प्रांत रक्तदाता प्रमुख हेमा मल्होत्रा, सेविका समिति की ज़िला कार्यवाहिका एडवोकेट स्नेहलता, सुशीला शर्मा, गंगा शर्मा, राम लीला क्लब के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, विश्व हिन्दू परिषद के ज़िला कोषाध्यक्ष अजय शर्मा, कमलेश परमार, भूमिदत्त शर्मा, भानु दत्त शर्मा, नरेंद्र नन्दा, सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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