पालमपुर – बर्फू
हिमाचल प्रदेश और देश के लिए मेडल का सपना देखने वाली कांगड़ा जिले की धावक की उड़ान को आर्थिक तंगी ने रोक दिया है। इसके चलते उन्होंने जूनियर नेशनल एथलेटिक मीट में न जाने का मन भी बना लिया है। पालमपुर तहसील के तप्पा गांव की रहने वाली नैंसी चौधरी ने अभी कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित 6वीं नॉर्थ जोन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में 1,500 मीटर दौड़ में प्रदेश के लिए स्वर्ण पदक जीता है।
अब नैंसी का ओडिशा के भुवनेश्वर में होने वाली राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक मीट में हिस्सा लेने के लिए चयन हुआ है। कांगड़ा की दूसरी खिलाड़ी अदिति ने भी 6वीं नॉर्थ जोन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था।
उसका चयन भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है। यह प्रतियोगिता 10 से 14 अक्तूबर तक आयोजित की जाएगी। दुखद बात यह है कि नैंसी के पास इस समय भुवनेश्वर जाने तक के लिए पैसे नहीं है, जिसके चलते उसने प्रतियोगिता के लिए न जाने का मन बना लिया है।
पहले भी कई बार राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए स्थानीय लोगों ने सहयोग कर नैंसी को भेजा था। अब लोग भी बार-बार मदद करने से कतरा रहे हैं। नैंसी की माता मल्टीटास्क वर्कर हैं और उनकी इतनी आमदनी नहीं है कि वह नैंसी के खेल का खर्चा उठा सकें।
वहीं नैंसी ने बताया कि अभी प्रयागराज में आयोजित प्रतियोगिता में गए थे, तो वहीं पर करीब 15,000 रुपये खर्चा हो गया था। अब भुवनेश्वर जाने के लिए कम से कम 20,000 रुपये खर्चा आएगा। ऐसे में पैसे इकट्ठा न होने के चलते उनका जाना मुश्किल ही लग रहा है।
एथलेटिक्स संघ अध्यक्ष विक्रम चौधरी के बोल
उधर, जिला कांगड़ा एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष विक्रम चौधरी ने कहा कि पिछले चार वर्षों से सरकार से कोई बजट नहीं मिला है। बात करें नैंसी और अदिति की, तो ये दोनों खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। इनके भुवनेश्वर जाने के लिए लोगों के सहयोग से फंड इकट्ठा किया जाएगा।