हिमखबर डेस्क
दुष्कर्म के आरोपित कुल्लू के एसडीएम रहे 2013 बैच के एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला पर कानूनी शिकंजा और कसता जा रहा है। पुलिस ने दुष्कर्म के अलावा गर्भपात कराने, साक्ष्य मिटाने, रास्ता रोकने, बंधक बनाने और पिटाई करने जैसी धाराएं भी जोड़ दी हैं।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पूर्व एसडीएम ने दुष्कर्म किया व बाद में जबरन गर्भपात भी करवाया। विरोध करने पर उसे बंधक बनाया गया, रास्ता रोका गया और पिटाई की गई। पुलिस जांच में इन पहलुओं को भी शामिल करते हुए भारतीय दंड संहिता की धाराएं जोड़ी गई हैं।
महिला डीआईजी से जांच करवाने की मांग
पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर मामले की जांच मुख्यालय स्तर के अधिकारी या महिला डीआइजी से करवाने की मांग की है। आरोप लगाया है कि जिलास्तर पर निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
कुल्लू पुलिस अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे
पीड़िता ने कहा कि उसे न्याय तभी मिलेगा जब जांच उच्चस्तरीय और पारदर्शी तरीके से होगी। आरोप लगाए हैं कि कुल्लू के पुलिस अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। आरोप लगाया कि पहले भी उसकी शिकायत को थाना कुल्लू व महिला थाना ने गंभीरता से नहीं लिया।
आरोपित के विरुद्ध प्रशासनिक जांच आरंभ
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने भी सख्ती दिखाई है। मुख्य सचिव के निर्देश पर विकास शुक्ला के विरुद्ध प्रशासनिक जांच आरंभ कर दी है।
वीडियो बयान दर्ज
मंगलवार को पीड़िता को महिला थाना में बुलाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने वीडियो बयान दर्ज किए और निशानदेही भी करवाई। पुलिस बुधवार को पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवा सकती है।
अग्रिम जमानत के लिए हाथ-पांव मार रहे शातिर
वहीं, आरोपितों ने अग्रिम जमानत के लिए हाथ-पांव मारने शुरू कर दी हैं। महिला थाना कुल्लू ने इस मामले में विकास शुक्ला व उसके दो साथियों तथा एक महिला के विरुद्ध केस दर्ज किया है।