आपदा के बाद एसडीआरएफ के जवान बने सहारा, ऐसे बचाईं जानें और दुर्गम इलाकों तक पहुंचाई मदद

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आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने वाले अग्रणी दलों में शामिल रहा एसडीआरएफ, राहत एवं बचाव कार्यों में निभा रहा अहम भूमिका, कार्गो ड्रोन से दूर-दूराज तक पहुंचाई राहत सामग्री

मंडी, 19 जुलाई – हिमखबर डेस्क

प्राकृतिक आपदा से प्रभावित मंडी जिला के सराज व अन्य क्षेत्रों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) राहत एवं पुनर्वास कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गत 30 जून की मध्य रात्रि को आई प्राकृतिक आपदा के उपरांत पंडोह से होते हुए थुनाग पहुंचने वाले अग्रणी बचाव दलों में एसडीआरएफ शामिल रहा है।

आपदा के उपरांत एक जुलाई को ही एसडीआरएफ जवानों ने प्रथम प्रतिक्रिया दल के रूप में बगस्याड पहुंचने में सफलता प्राप्त की और रास्ते में गिरे पेड़ों को हटाते हुए यह दल वहां तक पहुंचा। इससे अगले दिन बगस्याड से पैदल ही एसडीआरएफ की टीम थुनाग पहुंची।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सैटेलाइट फोन के माध्यम से यहां हुए नुकसान की वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। इसके बाद 03 जुलाई को थुनाग से आगे गिरे पेड़ों को हटाते हुए टीम जंजैहली पहुंची। इसी रोज 12 जवानों की दूसरी टीम बाढ़ व भूस्खलन में लापता लोगों की तलाश के दृष्टिगत थुनाग पहुंची।

एसडीआरएफ ने 04 जुलाई को आपदा प्रभावित ग्राम पंचायत नेहरी सुनाह के थुंडी गांव के निवासियों को राशन व
दवाइयां इत्यादि पहुंचाई। अगले दिन टीम रोड गांव के लिए राहत सामग्री लेकर रवाना हुई। इसी दिन जंजैहली से दो गर्भवती महिलाओं को रायगढ़-करसोग से होते हुए सुरक्षित मंडी पहुंचाने में अपना योगदान दिया।

जंजैहली में फंसे 63 पर्यटकों को निकालने में एसडीआरएफ का उल्लेखनीय योगदान रहा। जंजैहली से ही एक अन्य गर्भवती महिला को शंकरदेहरा के रास्ते सुरक्षित निकालने में इन्होंने योगदान दिया। राज्य आपदा मोचन बल की एक टीम पंडोह डैम से पटीकरी तक लापता लोगों की तलाश में लगाई गई और एक अन्य टीम ड्रोन ऑपरेशन के लिए थुनाग में रखी गई।

जंजैहली में तैनात टीम ने रूशाड़ गांव में पांडवशिला से लंबाथाच तक खोज अभियान चलाया। ड्रोन के माध्यम से एसडीआरएफ के दल ने लंबाथाच ग्राम पंचायत के लेह नकतेरा गांव के लोगों को जरूरी दवाइयों की किट पहुंचाने में सफलता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त थुनाग क्षेत्र के दो गांवों में प्राथमिक चिकित्सा किट व दवाइयां पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाई।

इसके उपरांत एसडीआरएफ का दल कार्गो ड्रोन के माध्यम से 15 किलोग्राम की राहत सामग्री किट जंजैहली के बायला गांव तक पहुंचाने में सफल रहा। थुनाग में तैनात ड्रोन टीम ने केओली पंचायत के भगैड़ा और चियूणी पंचायत के घयारधार तक दवाइयों एवं फर्स्ट एड की तीन किट पहुंचाई।

थाच गांव में दो राशन किट व दवाइयां तथा जांशल पंचायत में दवाइयों की एक किट ड्रोन के माध्यम से पहुंचाई गई। थुनाग के देजी एवं पंडोह से पटीकरी की ओर भी खोज अभियान में एसडीआरएफ निरंतर अपनी भूमिका निभा रहा है।

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