हिमाचल IPS कैडर के ये अधिकारी नौकरी छोड़ अब लड़ेंगे चुनाव, इस पार्टी का थामा दामन

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शिमला – नितिश पठानियां

आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को राजनीति भाने लगी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई अधिकारियों ने बीच में ही नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने का फैसला किया। कई अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आने का मन बनाए हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश में भी एक आईपीएस अधिकारी ने नौकरी को बीच में नहीं छोड़ कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हिमाचल में एडीजीपी पद पर कार्यरत डॉ. जेपी सिंह ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। जेपी सिंह बिहार के छपरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। जेपी सिंह 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पुलिस मुख्यालय में उन्हें फेयरवेल भी दे दी गई है।

2001 में वो कांगड़ा में बतौर प्रोबेशनर तैनात हुए। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा के पद पर रहे। जेपी सिंह राज्यपाल के एडीसी, एसपी चंबा, एसपी सिरमौर, कमांडेंट, एसपी इंटेलिजेंस रहे। मौजूदा समय में वो एडीजीपी सीआईडी के पद पर कार्यरत थे। वो आईजी दक्षिण रेंज औऱ आईजी नॉर्थ रेंज के अलावा विजिलेंस में भी सेवाएं दे चुके हैं। 31 जुलाई 2027 को इनकी सेवानिवृत्ति होनी थी। इससे पहले इन्होंने वीआरएस ले ली। बिहार चुनाव को ही रिटायरमेंट का मुख्य कारण माना जा रहा है।

जेपी सिंह ने चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने प्रशांत किशोर की पार्टी को ज्वाइन किया है। भोजपुरी के मशहूर गायक और अभिनेता रितेश पांडे के साथ आज पूर्व IPS डॉक्टर जय प्रकाश सिंह जन सुराज में शामिल हुए। उन्होंने फेसबुक पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं।

उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा आज मां का आशीर्वाद लेकर नई शुरुआत कर रहा हूं आपके स्नेह और आशीर्वाद की जरूरत हैं। उनका जनसुराज पार्टी की तरफ से छपरा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है,क्योंकि वो छपरा से ही संबंध रखते हैं।

पहले भी कई अधिकारी लड़ चुके हैं चुनाव

इससे पहले भी कई आईपीएस और आईएएस अधिकारी ने चुनाव लड़ा है। हिमाचल में आईएएस अधिकारी जेआर कटवाल झंडूता से चुनाव लड़कर विधायक बने हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में भाजपा की कमान पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलाई के हाथों में है वो भी तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष हैं।

पार्टी ने उन्हें कोयंबटूर लोकसभा सीट से चुनावी समर में उतारा था। 2019 में अन्नामलाई ने पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद 2020 में भाजपा जॉइन की थी। किरण बेदी भी इससे पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। यूपी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने भी आईपीएस की नौकरी छोड़ विधानसभा चुनाव लड़ा था।

बिहार चुनाव

बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य में राजनीतिक हलचल तेज़ है, लेकिन अभी चुनाव की तारीखों का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया है, जो 25 जून से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 तक चलेगा।

राजनीतिक दलों ने भी मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इस बार बीजेपी-जेडीयू एनडीए, जबकि यूपीए में पुराने सहयोगी कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है। AAP और AIMIM जैसे दल भी चुनाव में ताल ठोक रहे हैं।

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