शिमला – नितिश पठानियां
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज आईजीएमसी के अटल सभागार में आयोजित संक्रमण के प्रति शून्य सहनशीलता विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।
ग्रामीण विकास मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सभी एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर एकत्र हुए हैं — संक्रमण के प्रति शून्य सहनशीलता। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में संक्रमण की रोकथाम केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक नैतिक कर्तव्य है।
अस्पताल जनित संक्रमण न केवल मरीजों के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली की विश्वसनीयता और गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि हमें संक्रमण के प्रति “शून्य सहनशीलता” की नीति को व्यवहार में लाना होगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि व्यावहारिक रणनीतियाँ साझा करना है। समाज के लिए नर्सों का अहम योगदान रहता है, जिसके लिए सभी नर्सें एवं इसकी पढ़ाई कर रहे छात्र बधाई के पात्र है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है ताकि दूर दराज तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। राज्य सरकार आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न खाली पदों को भरने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डॉक्टर-मरीज अनुपात तथा नर्स-मरीज अनुपात को सुनिश्चित करने पर कार्य किया जा रहा है, ताकि उन्हें काम के लिए बेहतर वातावरण मिल सके।
इस अवसर पर उन्होंने नर्सिंग स्कॉलर सोसायटी को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की।
पंचायती राज मंत्री ने प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कॉलेज को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर विधायक विनोद सुल्तानपुरी, चंद्रशेखर, चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी अस्पताल शिमला डॉ राहुल राव, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला डॉ सीता ठाकुर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।