हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के कामरू गांव से संबंध रखने वाले 23 वर्षीय प्रथम याम्बुर ने दूसरे प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) उत्तीर्ण करके जिला किन्नौर और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। प्रथम के पिता व्यास सुंदर बागवान हैं और माता राजदेवी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।
प्रथम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक पब्लिक स्कूल सांगला से पास करते हुए 10+2 नॉन -मेडिकल जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपियो से उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पास किया।
स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रथम ने विभिन्न प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और साल 2024 में प्रथम ने यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की और बतौर सीआईएसएफ कमांडेंट इनका चयन हुआ। प्रथम का लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनना था, इसलिए उन्होंने कमांडेंट के पद पर ज्वाइन नहीं किया।
यूपीएससी द्वारा सिंतबर 2024 में आयोजित की गई परीक्षा में देशभर में 841वां रैंक हासिल करते हुए आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रथम एक होनहार विद्यार्थी होने के साथ साथ, खेलकूद और सह-अकादमिक गतिविधियों में सदैव बढ़ चढ़ कर भाग लेते रहे हैं।
प्रथम के माता-पिता बेटे की इस शानदार उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं, समस्त ग्रामीणों में खुशी की लहर है। प्रथम ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने पिता व्यास सुन्दर, माता राजदेवी और अपने अध्यापकों को दिया।
प्रथम ने हिमाचल प्रदेश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व लग्न, निष्ठा तथा समर्पण से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, युवाओं को नशे की प्रवृति से दूर रहने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए दिलो जान से मेहनत करने की बात कही है।