शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकील से मारपीट के मामले में वकीलों के आक्रोश के बाद शिमला पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने पुष्टि की है कि कांस्टेबल रमन ठाकुर को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच की जिम्मेदारी एएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है।
वकीलों का प्रदर्शन, थाना घेराव और चक्का जाम
सोमवार को हाईकोर्ट के सैकड़ों वकीलों ने छोटा शिमला थाना का घेराव किया और सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। इस प्रदर्शन के चलते शहर में कुछ समय तक यातायात प्रभावित रहा। इससे पहले हाईकोर्ट परिसर में जनरल हाउस की बैठक कर आंदोलन का निर्णय लिया गया था।
12 अप्रैल की घटना बनी विवाद की जड़
पूरा विवाद 12 अप्रैल को नवबहार चौक पर उस समय शुरू हुआ जब वकील प्रणव शर्मा और कांस्टेबल रमन ठाकुर के बीच कहासुनी हो गई थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कांस्टेबल ने वकील को कॉलर से पकड़ कर थप्पड़ मारे। इस घटना से वकीलों में भारी रोष फैल गया।
वकीलों का आरोप— पुलिस कर रही पक्षपात
इस घटना के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही। उल्टे पीड़ित वकील के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी गई जबकि आरोपी पुलिसकर्मी को लंबे समय तक बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया। हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील श्रवण डोगरा ने इसे न्यायिक तंत्र पर हमला करार दिया।
वहीं, कांस्टेबल रमन ठाकुर की शिकायत के अनुसार वकील ने उनकी ड्यूटी में बाधा डाली और धक्का-मुक्की की, जिससे उनकी वर्दी फट गई। छोटा शिमला पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों पर केस दर्ज किया है। कांस्टेबल की शिकायत पर बीएनएस की धारा 132, 121(1) और 352 जबकि वकील की शिकायत पर धारा 126(2), 115(2) और 352 के तहत केस दर्ज किया गया है।