हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार शुरू हुआ शून्यकाल, साढ़े 21 घंटे चली विधानसभा की कार्यवाही।
धर्मशाला – हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश विधानसभा शनिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। चार दिनों तक चले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 188 तारांकित और 55 अतारांकित सवाल पूछे गए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अपने समापन भाषण में कहा कि यह सत्र प्रदेश विधानसभा के इतिहास में हमेशा के लिए याद रखा जाएगा।
इसी सत्र से और तपोवन परिसर से विधानसभा में शून्यकाल की शुरुआत हुई। शून्यकाल के दौरान कुल 26 मामले विधायकों ने उठाए, जिन पर सरकार की और से आश्वासन दिया गया। इस दौरान नियम-61 के तहत 2 और 62 के तहत 3 विषयों पर चर्चा हुई।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम-102 के तहत एक और 130 के तहत दो विषयों पर चर्चा हुई। सत्र के दौरान कुल 14 सरकारी विधेयक पारित किए गए।
सदन की कार्यवाही 21.30 घंटे चली। इसमें से सत्ता पक्ष को 9.30 घंटे और विपक्ष को 8.30 घंटे चर्चा का मौका मिला। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन उत्पादकता 106 प्रतिशत रही।
पोल खुलने लगी, तो रैली में भाग गए भाजपा नेता
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्र के समापन मौके पर कहा कि यह सत्र फलदायी रहा और इस दौरान जहां हिमाचल विधानसभा नेवा पर आ गई।
वहीं विधानसभा में पहली बार शून्यकाल भी आरंभ हुआ। सदन में जब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा की पोल खुलनी आरंभ हुई, तो भाजपा के विधायक रैली में शामिल होने के लिए चले गए।