नादौन का जवान आतंकी मुठभेड़ में शहीद, शहादत की सूचना पाकर मां बेसुध

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डोडा किश्तवाड़ में गोली लगने से हुआ था घायल, महज 27 साल की उम्र में दिया सर्वोच्च बलिदान, छोटे भाई ने कहा कि बड़े भाई का बलिदान हमेशा रहेगा याद, स्थानीय लोगों ने कहा मिलनसार था अरविंद सिंह

हिमखबर डेस्क

उपमंडल नादौन के तहत आने वाली ग्राम पंचायत हाथोल के गांव लाहड का जवान आतंकी मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर के डोडा किश्तवाड़ में शहीद हो गया है। बीते शुक्रवार अल सुबह सेवा के जवानों तथा आतंकियों की मुठभेड़ हुई। इसी दौरान जवान को गोली लग गई। घायल जवान को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वहां पर इसने दम तोड़ दिया। क्षेत्र में जवान के शहीद होने की सूचना मिलते ही मातम पसर गया है।

जानकारी के मुताबिक अरविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह गांव व डाकघर हथोल तहसील नादौन जिला हमीरपुर किश्तवाड़ में अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया है। करीब 5 साल पहले अरविंद सिंह 20 डोगरा में भर्ती हुआ था। 2 साल पहले ही जवान की शादी हुई थी। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व ही वह छुट्टी काटकर अपनी ड्यूटी पर गया था।

बीते गुरुवार रात को डोडा किश्तवाड़ में आतंकियों के होने की सूचना मिली तथा उसके बाद सेना ने वहां पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शुक्रवार अल सुबह सेना के जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। इसी दौरान अरविंद सिंह को गोली लग गई जिस कारण वह गंभीर घायल हो गया।

इस उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर इसने दम तोड़ दिया। सेना की तरफ से ही शहीद के परिजनों को सूचित किया गया। दुख भरा समाचार मिलने के बाद जहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है वहीं पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। शहीद का छोटा भाई परमजीत सिंह भी सेना में ही सेवाएं दे रहा है।

बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दूखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने  पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था। अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। शहादत की खबर मिलने के बाद घर में चूल्हा तक नहीं जला है। आसपास के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए इकट्ठा हो गए हैं।

परिजन नम आंखों से बलिदानी जवान की पार्थिक देह का इंतजार कर रहे हैं। अरविंद का छोटा भाई भी भारतीय सेना में ही सेवाएं दे रहा है। जैसे ही भाई के बलिदान होने की खबर मिली वह तुरंत घर आ गया। शहीद के दादा भी भारतीय सेना में ही थे। पिता रजिंद्र सिंह ने कहा कि सैनिक अधिकारी से बात हुई है, उन्होंने शाम तक पार्थिव देह पहुंचने की संभावना बताई है।

छोटे भाई परमजीत सिंह के बोल

शहीद के छोटे भाई परमजीत सिंह ने कहा कि उन्हें बीते शुक्रवार देर शाम को सेना के माध्यम से बड़े भाई की शहादत की सूचना दी गई थी। उन्होंने कहा कि बड़े भाई का चले जाना बहुत ही दुखद है लेकिन इस बात का गर्व ही है कि उन्होंने देश सेवा में अपने प्राणों का बलिदान दिया है। एक फौजी के लिए मातृभूमि की रक्षा करना ही सर्वप्रथम कर्तव्य होता है।

स्थानीय ग्रामीण के बोल

स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि अरविंद सिंह बहुत ही मिलन सार्थक तथा बीती जन्माष्टमी में उसने स्वयं दूध लाकर भंडारे के संचालन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया था। भंडारे के संचालन में वह सारा दिन कामकाज में लग रहा। ग्रामीण ने बताया कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोग भारतीय सेवा का साथ नहीं देते जबकि आतंकियों का सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा की वह भारत देश का अन्य कहते हैं और गुण पाकिस्तान के गाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए।

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