फलों की प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग तक की सारी व्यवस्था ऑनलाइन
बिलासपुर – सुभाष चंदेल
एचपी शिवा (हिमाचल प्रदेश उपोषण कटिबंधीय बागबानी, सिंचाई तथा मूल्यवर्धन) परियोजना के तहत जिला बिलासपुर में अब तक 112 हेक्टेयर एरिया कवर किया जा चुका है। अब 100 हेक्टेयर एरिया कवर करने की दिशा में कार्य चल रहा है। 2028 तक 600 हेक्टेयर एरिया कवर करने का लक्ष्य निर्धारित है।
बागबानी विभाग ने लक्ष्य के मुकाबले अधिक 760 हेक्टेयर एरिया चिन्हित कर रिपोर्ट निदेशालय को प्रेषित भी कर दी है। इस प्रोजेक्ट में बागबानी विभाग जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। अहम बात यह है कि सभी पौधों की क्यूआर कोड देेकर बाकायदा टैगिंग की जाएगी, जिससे फलों की प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग तक की सारी व्यवस्था ऑनलाइन अपडेट रहेगी।
प्रदर्शन प्लॉटों पर तमाम सुविधाएं सेंसर से कनेक्ट होंगी, जिससे पानी के स्रोत से लेकर ड्रिप सिस्टम तक की सारी सुविधाएं सेंसरबेस होंगी और समय समय पर ऑटोमैटिक तौर पर पौधों की सिंचाई होती रहेगी।
एचपी शिवा प्रोजेक्ट के बिलासपुर में कार्यरत जिला समन्वय अधिकारी डा. रमल अंगारिया ने बताया कि जिला के चारों ब्लॉकों में 112 हेक्टेयर एरिया कवर किया गया है, जिसके तहत सदर उपमंडल में 32 हेक्टेयर, स्वारघाट में 17 हेक्टेयर, घुमारवीं में 43 हेक्टेयर और झंडूता ब्लॉक में 20 हेक्टेयर एरिया चिन्हित कर कलस्टर सिस्टम में प्रदर्शन प्लॉट बनाए हैं। -एचडीएम
जिला भर में रोपे 19930 पौधे
जिला भर में कुल 27 कलस्टर बनाए गए हैं, जहां नींबू, अमरूद, लीची, अनार व मालटा संतरा के 19930 प्लांट लगाए हैं। खास बात यह है कि तीन साल में ही पौधों ने फल देना शुरू कर दिया है और पिछले वर्ष 45 मीट्रिक टन पैदावार दर्ज की गई थी जबकि इस बार 800 मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित किया है।
पहले चरण में 400 हेक्टेयर एरिया कवर करने का लक्ष्य तय है। 112 हेक्टेयर एरिया कवर करने के बाद अब 100 हेक्टेयर एरिया चिन्हित कर जमीन के सुधार के साथ ही चहुंओर से फैंसिंग व सिंचाई सुविधा का कार्य चल रहा है। इस एरिया में 4.50 लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अगले चार सालों में 600 हेक्टेयर एरिया कवर करने का लक्ष्य है, जिसके मुकाबले विभाग ने 760 हेक्टेयर एरिया चिन्हित कर लिया है।
ड्रोन से कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव
बागबानी विभाग की उपनिदेशक डा. माला शर्मा के अनुसार तलवाड़ा में बहुत बड़ा प्रदर्शन प्लॉट तैयार किया है। खास बात यह है कि वहां पर ड्रोन के माध्यम से पौधों को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिडक़ाव किया जा रहा है। पायलटबेस पर आधारित इस ट्रायल के सक्सेस रहने के बाद व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाएगा। आने वाले समय में पौधों को क्यूआर कोड दिया जाएगा और हर पौधे की टैगिंग की जाएगी।
प्रोजेक्ट को अपनाएगा मेघालय
डा. माला शर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले बिलासपुर में कलस्टर आधारित एचपी शिवा प्रोजेक्ट के विजिट के लिए मेघालय से एक्सपर्ट्स का एक दल आया था। कलस्टर विजिट के बाद बड़े पैमाने पर तैयार हो रही फ्रूट्स और किसानों को घरद्वार हो रहे आर्थिक लाभ का जायजा लिया। इस पर दल ने अवगत करवाया कि मेघालय में भी इस प्रोजेक्ट को अपनाया जाएगा और प्रभावी तरीके से व्यवस्था को लागू किया जाएगा