अर्की की नीलकमल ठाकुर को हालत ने बना दिया ट्रक ड्राइवर, इनके हौसले, हिम्मत व जुनून को सलाम।
हिमखबर डेस्क
कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है हालांकि, हर काम शौकिया तौर पर नहीं किया जाता। कुछ काम घर के हालात और मजबूरियों के चलते करने पड़ते हैं। बस यही वजह रही और पति का साया सिर से उठा तो महिला ने कार का स्टेयरिंग छोड़कर आजीविका के लिए ट्रक का स्टेयरिंग संभाल लिया।
यहां पर हम जिक्र कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के अर्की की रहने वाली नीलकमल ठाकुर की। नीलकमल हेवी व्हीकल ड्राइवर हैं। 42 साल की नीलकमल ठाकुर करीब 8 साल से खुद दो ट्रक चला रही हैं।
पति का साया सिर से उठने के बाद उनके कंधों पर ही परिवार का जिम्मा आ गया। पति की मौत के बाद नीलकमल ठाकुर ने ड्राइवर रखकर ट्रकों का संचालन शुरू किया था, लेकिन सही ढंग से काम नहीं हो पा रहा था।
जहां ट्रक भेजे जाते थे, समय पर नहीं पहुंचते थे, ऐसे में पति के रहते कार चलाने वाली नीलकमल ने कार छोड़कर ट्रक पर हाथ आजमाया। अब नीलकमल ट्रक लोड करके चंडीगढ़, ऊना, रोहतांग, मनाली, किन्नौर, सिरमौर तक का सफर कर लेती हैं।
पहले कार चलाती थी नीलकमल
नीलकमल ने बताया कि शौक तो नहीं था, लेकिन हालात ने ट्रक चलाने को मजबूर कर दिया। पति की मौत के बाद आय का कोई साधन नहीं था। ड्राइवर भी रखे लेकिन सही ढंग से काम नहीं हो पा रहा था। मैं पहले कार चलाती थी, फिर सोचा क्यों न ट्रक चलाया जाए, तब से लेकर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
धर्मशाला एचआरटीसी रिजनल मैनेजर साहिल कपूर के बोल
धर्मशाला में एचआरटीसी के रिजनल मैनेजर साहिल कपूर ने बताया कि मुझे पता चला था कि महिला लोडेड ट्रक लेकर एचआरटीसी वर्कशॉप आई है। दोनों ही ट्रक खुद ही चलाती हैं और ट्रकों की मरम्मत पर भी अच्छा ध्यान रखती हैं। इन्हें देखकर अच्छा लगा कि महिलाएं भी पुरुषों के समान कार्य तो करती ही हैं। सामान से भरा हुआ ट्रक भी आसानी से हेंडल कर सकती हैं।
बता दे कि करीब 12 साल पहले एक सड़क हादसे में महिला के पति की मौत हो गई थी। पिपलुघाट की रहने वाली 42 वर्षीय नीलकमल हिमाचल प्रदेश की पहली महिला ट्रक चालक है। फिलहाल, उनके परिवार में उनका एक बेटा है।