बददी-नालागढ़ फोरलेन निर्माता कंपनी को नोटिस, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बड़ी कार्यबाही

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सोलन – रजनीश ठाकुर

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , ने बददी-नालागढ़ फोर लेन के निर्माण में जुटी निजी कंपनी पर शिकंजा कसते हुए नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर जवाब तलब किया है। इससे पहले भी बोर्ड ने वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया था।

इसके बाद भी न तो धरातल पर सुधार दिखा, न ही कंपनी की तरफ से संतोषजनक जवाब बोर्ड को मिला। अब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अभियंता व जिला स्तरीय निगरानी कार्य बल के सदस्य सचिव ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कई हिदायतें भी जारी की हैं।

जिला स्तरीय निगरानी कार्य बल ने पुलिस जिला प्रशासन बद्दी व आरटीओ नालागढ़ को कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उक्त कंपनी द्वारा निर्मांण सामग्री या मलबे को लाने-ले जाने के लिए कवर किए वाहन का इस्तेमाल किया जाए। अगर हिदायतों का पालन न किया, तो पटेल इन्फ्रा को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश अनुसार पर्यावरणीय मुआवजे के साथ बिजली कटौती सहित कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने फोरलेन के निरीक्षण के दौरान पाया था की बद्दी और नालागढ़ में खराब हो रही परिवेशीय वायु गुणवत्ता के पीछे एक वजह सडक़ पर उड़ती धूल को दबाने के लिए पानी का छिडक़ाव न किया जाना भी है। इसके अलावा एनएच के किनारे सडक़ निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न गंदगी और मलबे की अवैध और अवैज्ञानिक तौर डंपिंग की बात भी सामने आई।

इस संर्दभ में गत छह नबंबर को उक्त फोरलेन निर्माता कंपनी को बोर्ड ने पहला नोटिस जारी किया था। निर्माणाधीन पिंजौर-नालागढ़ एनएच पर पानी का छिडक़ाव न करने के प्रावधान से लोगों को धूल के गुबार से जूझना पड़ रहा है।

वहीं बद्दी में एसपीसीबी के सतत वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के निष्कर्षों के अनुसार, परिवेशी वायु गुणवत्ता सूचकांक में खासी बढ़ोतरी हुई है, सोमवार को बद्दी में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 204 नोट किया गया, जिसे वायु गुणवत्ता का खराब स्तर माना जाता है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अभियंता प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पटेल कंपनी द्वारा बद्दी-नालागढ़ फोरलेन राजमार्ग परियोजना पर नियमित पानी का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा हैं, धूल उत्सर्जन हो रहा है और हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।

दूसरी ओर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी कंपनी को धूल शमन उपायों को अपनाने में सक्रिय कदम उठाने और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उठाई गई टिप्पणियों का निर्धारित समय के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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