कुल्लू, 25 अक्तूबर – अजय सूर्या
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान दो दर्जन से अधिक देवी-देवताओं को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पाने को लेकर हंगामा मच गया है।
मामला इतना बढ़ गया कि बंजारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी और तहसीलदार के बीच बहस हो गई। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। लोगों ने इस तनातनी के बीच कुल्लू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रशासन पर आरोप है कि अधिकारियों ने इन देवताओं के अस्थाई टेंट उखाड़ दिए हैं जिसके चलते कई देवी देवता वापस जाने को मजबूर हो रहे हैं। जबकि जिला मुख्यालय कल्लू के साथ लगते बागान क्षेत्र का पांच वीर देवता अपने मूल स्थान पर पहुंचने के बाद फिर से वापस ढालपुर पहुंचे हैं।
इस पूरे मामले को लेकर बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी तल्ख हो गए हैं। वह देव समाज के लोगों के साथ पहले डीसी कार्यालय पहुंचे और इसको लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
मामले को लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसा दशहरा उत्सव के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब देवी-देवताओं को सम्मान देने की बजाय अपमानित किया जा रहा है।
उन्होंने इस मामले को लेकर प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बुधवार शाम तक देवी-देवताओं का यह मसला हल नहीं किया गया तो वह देव समाज के लोगों के साथ वीरवार से कुल्लू में धरने पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर इस बार दशहरा उत्सव बेहतर मनाने का दावा करते रहे लेकिन दूसरी तरफ देवी-देवताओं को अपमानित किया जा रहा है।
प्रशासन के अधिकारी जूते पहन कर देवी-देवताओं के टेंट में घुसे और टेंट को उखाड़ने का काम किया। जोकि पूरी तरह से निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि दशहरा कमेटी इससे पहले बैठक के बाद बैठक करते रहे लेकिन देवी देवताओं के बैठने के स्थान को लेकर किसी तरह का हल नहीं तलाश पाए।