मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि विशेष परिस्थितियों और ठोस कारण में ही तबादला आदेश जारी होते हैं।
शिमला – नितिश पठानियां
सामान्य तबादलों को लेकर सचिवालय में कर्मचारियों की होड़ मची है। प्रदेश सरकार ने महीने के अंतिम चार दिनों में तबादला करने के लिए तय किए हैं। यह इसलिए ताकि सचिवालय में काम प्रभावित न हो। ऐसे में इन दिनों मंत्रियों, विधायकों और पार्टी नेताओं की ओर से कर्मचारियों के लिए डीओ जारी हो रहे रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में तबादलों के फाइलों की होड़ मची है। हालांकि विशेष परिस्थितियों और ठोस कारण में ही मुख्यमंत्री कार्यालय से तबादला आदेशों को जारी किया जा रहा है।
शिक्षकों के सबसे ज्यादा नोट हैं। इनकी संख्या एक हजार से से ज्यादा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, बिजली बोर्ड, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के भी सैंकड़ों डीओ नोट जारी हो चुके हैं।
कर्मचारी नेताओं को विश्वास में लेकर मनपसंद स्टेशन चाह रहे हैं। ओएसडी मुख्यमंत्री और प्रधान निजी सचिव के पास भी तबादलों के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। करीब तीन हजार आवेदन आए हैं।
उल्लेखनीय है कि कई नेता भी मंत्रियों के पास जाकर कर्मचारियों की एडजस्टमेंट कराने के डीओ नोट जारी करने की मांग कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन कर्मचारियों को यह पता रहता है कि कौन कर्मचारी, शिक्षक और डॉक्टर सेवानिवृत्त हो रहा है।
ऐसे में यह सीट खाली हो रही है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि विशेष परिस्थितियों और ठोस कारण में ही तबादला आदेश जारी होते हैं।