स्वारघाट – सुभाष चंदेल
जिला बिलासपुर ओर जिला सोलन की सीमा पर स्थित लुहंड खड्ड को खनन के लिए लीज पर देने का स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया है। ग्रामीण बताते हैं कि प्रशासन ने इस खड्ड को लीज पर देने के लिए आज मौके पर निशानदेही के लिए आना था लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रशासन को अपना यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
इस खड्ड के साथ लगते गांव बोहरी, अम्ब दा हार, कट्टल, सनण, सन्देहली, पुनेहली, कठिम्ब तथा टिक्करी के ग्रामीणों का कहना है कि इस खड्ड के साथ ग्रामीणों की उपजाऊ जमीने होने के साथ साथ लोगों के मकान भी बने हैं ओर खनन से उनको क्षति पहुंच रही है।
ग्रामीण कहते हैं कि निरंतर खनन के चलते उनके मलकीयत नंबर तक पानी के बहाव में बह गए हैं। उनका कहना था कि इस खड्ड के ऊपर पुल ,पानी की कूहलें और जमीनों को बचाने के लिए चैक डैम भी लगाए हैं जिनको खनन से नुकसान होना स्वाभाविक है।
ग्रामीण कहते हैं कि खनन के लिए गुपचुप पंचायत प्रतिनिधियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया जाता है और ग्रामीणों को इसके लिए बिल्कुल भी विश्वास में नहीं लिया जाता जबकि खड्ड के साथ जमींने पंचायत की न होकर ग्रामीणों की हैं।
ग्रामीणों ने दो टूक कहा है कि लुहंड खड्ड के पास किसी भी प्रकार का खनन या खनन संबंधी उद्योग क्रेशर न लगाया जाए अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा।