जालंधर रेंज के डीआईजी बोले, आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से बना रहा था प्राइवेट आर्मी
व्यूरो रिपोर्ट
पंजाब में खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लगातार दूसरे दिन पंजाब में कई जगह दबिश दी। इसी बीच, जालंधर रेंज के डीआईजी स्वप्न शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस में अमृतपाल के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कनेक्शन का खुलासा किया।
अमृतपाल के लिंक आईएसआई के साथ जुड़े होने के प्रारंभिक संकेत मिलने के बाद केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई। अमृतपाल को विदेश से फंडिंग मिलने का शक है। उसके महंगी गाडिय़ों में सफर करने को इसी से जोडक़र देखा जा रहा है। ऐसे में इस केस में जल्दी ही एनआईए की एंट्री हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगाया जा सकता है। पुलिस अब तक ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनसे कई राइफलें और रिवॉल्वर बरामद हुए हैं।
पुलिस ने एक और खुलासा किया कि अमृतपाल ने आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से अपनी प्राइवेट आर्मी बनाने की तैयारी कर ली थी। उसकेघर और साथियों से बरामद हथियारों पर एकेएफ लिखा मिला।
अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि अमृतपाल और उसके सात साथियों पर रविवार को आम्र्स एक्ट के तहत एक और केस दर्ज किया गया है। शनिवार देर रात को इन सात लोगों को जालंधर के मैहतपुर से पकड़ा गया था।
इनमें गुरलाल सिंह, सवरीत सिंह, अमनदीप सिंह, हरमिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, गुरवीर सिंह और अजयपाल सिंह शामिल है। पुलिस को इनसे 12 बोर की छह राइफल और 193 कारतूस मिले थे। ये सभी अवैध हथियार निकले जिनका कोई लाइसेंस नहीं है। इसी वजह से आम्र्स एक्ट में नया केस दर्ज किया गया।
कट्टरपंथी उपदेशक एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने जालंधर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) स्वर्णदीप सिंह ने सोमवार को बताया कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने मध्यरात्रि के बाद लगभग साढ़े बारह बजे मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब भी फरार है, जिसकी तलाश अभी तक जारी है।
पंजाब पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल और उसके समूह ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की, जिसमें पुलिस ने संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया था हालांकि, जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने के बाद अमृतपाल भाग निकलने में सफल रहा।
अमृतपाल की तलाश में पुलिस ने रविवार को पूरे पंजाब में फ्लैग मार्च किया और तलाशी ली, उसके समर्थकों को गिरफ्तार किया और हिरासत में लिए गए चार लोगों को दूर असम की जेल में भेज दिया।
‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के खिलाफ यह कार्रवाई अमृतपाल और उनके समर्थकों द्वारा अमृतसर के पास अजनाला थाने पर हमला करने के कुछ हफ्तों बाद हुई है। संगठन के सदस्यों ने पुलिस की ओर से एक गिरफ्तार सदस्य की रिहाई के आश्वासन के बावजूद थाने पर हमला किया।
खालिस्तान समर्थक नेता और उनके समर्थकों पर वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है।
इंटरनेटबंदी 24 घंटे बढ़ी, कई जिलों में धारा 144
पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं पर लगाई गई पाबंदी रविवार को 24 घंटे के लिए बढ़ा दी गई। अब प्रदेश में सोमवार रात तक मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद रहेंगी।
इसी के साथ अमृतसर, फाजिल्का, मोगा, मुक्तसर समेत कई जिलों में धारा 144 लागू है। हालांकि इसकी वजह अमृतसर में हो रहा जी-20 देशों का सम्मेलन बताया गया।
आज भी बंद रहेंगी रोडवेज की बसें
पंजाब में सोमवार को भी पंजाब रोडवेज व पनबस की बसें नहीं चलेंगी। यह फैसला अमृतपाल समर्थकों की ओर से तोडफ़ोड़ किए जाने की आशंका को देखते हुए लिया गया।
पंजाब रोडवेज के निर्देशों के इंतजार में एचआरटीसी
पंजाब में अमृतपाल सिंह प्रकरण मामले को देखते हुए एचआरटीसी ने पंजाब के लिए जाने वाली बसों को फिलहाल बंद नही किया हैं। एचआरटीसी के जीएम ऑपरेशन पंकज सिंघल ने बताया कि आरएम ऊना और डीएम चंडीगढ़ पंजाब रोडवेज के टच में हैं।
जैसे ही पंजाब रोडवेज की ओर से कोई निर्देश आते हैं, उसके बाद बसों पर फैसला दिया जाएगा, क्योंकि एग्रीमेंट के मुताबिक एचआरटीसी पंजाब में पंजाब रोडवेज को फॉलो करता है।