परिवार ने डॉक्टरों पर लगाए आरोप, बच्चे के कत्ल का मामला दर्ज करने की मांग, प्रबंधन ने डॉक्टरों का पैनल गठित कर जांच का दिया आश्वासन।
पठानकोट – भूपेंद्र सिंह राजू
सिविल अस्पताल पठानकोट एक बार फिर सुर्खियों में है। गर्भवती महिला को सिविल अस्पताल से आधी रात रैफर करने से बच्चे की मौत हो गई। जबकि, निजी अस्पताल में प्रसूता मौत से जंग लड़ रही है। हिमाचल निवासी एक परिवार ने नवजात की मौत के लिए अस्पताल के डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है।
मृतक बच्चे के पिता का कहना है कि डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही नहीं बच्चे के कत्ल का मामला दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। फिल्हाल कार्यकारी एसएमओ ने परिवार की लिखित शिकायत के बाद पैनल गठित कर जांच करवाने का आश्वासन दिया है।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा, फतेहपुर निवासी निर्मल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी का ईलाज सिविल अस्पताल पठानकोट से चल रहा था। प्रसव के लिए 18 नवंबर को बुलाया था। लेकिन, स्टाफ ने उन्हें 20 नवंबर को आने को कहा। निर्मल ने बताया कि वह 20 नवंबर को सुबह 9 बजे सिविल अस्पताल पहुंचे।
पूरा दिन अस्पताल स्टाफ जल्द प्रसव होने की बात कहता रहा। स्टाफ ने कपड़े तक खरीदने के लिए कह दिया। लेकिन, रात डेढ़ बजे के करीब स्टाफ और डॉक्टर ने यह कहकर रैफर कर दिया कि किसी अन्य अस्पताल में ले जाओ। निर्मल ने कहा कि वह रात को कई अस्पतालों में भटकते रहे। 2-3 अस्पतालों से जवाब मिलने के बाद मिशन रोड स्थित अस्पताल में पत्नी को भर्ती करवाया तो डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की मौत हो चुकी है।
निर्मल ने बताया कि उसकी पत्नी अभी भी निजी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में मौत से जंग लड़ रही है। निर्मल का आरोप है कि सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की बदौलत उनके बेटे की मौत हुई और पत्नी की हालत खराब हुई है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार स्टाफ और डॉक्टर पर कत्ल का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। ताकि, किसी अन्य परिवार को इस तरह का दुख न देखना पड़े।
जिसके बाद परिवार ने अस्पताल प्रबंधन को लिखित शिकायत दी। वहीं, कार्यकारी एमएसओ डॉ. सुनील चंद ने कहा कि परिवार की शिकायत मिली है। उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच के लिए डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है। जांच के बाद उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।