शिमला,19 नव – नितिश पठानियां
प्रदेश कांग्रेस महासचिव सगंठन रजनीश किमटा ने भाजपा नेताओं पर सर्विस वोटर्स को डराने धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश विधानसभा चुनावों में संभावितअपनी करारी हार देख कर भाजपा छटपटाहट में है।
उन्होंने कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के कुछ नेता चुनाव अधिकारियों से सर्विस वोटर्स की लिस्ट लेकर उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान करने का पूरा दबाव बना रहे है। उन्हें डरा धमकाकर प्रलोभन देने की भी पूरी कोशिश की जा रही है।
उन्होंने सर्विस वोटर्स का बगैर डरे,सहमे या बगैर किसी प्रोलोभन के अपना मतदान करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में भाजपा का कोई भी षड्यंत्र सफल होने वाला नही है। प्रदेश में लोगों ने भाजपा के खिलाफ अपना जनमत दिया है,जो ईवीएम में बंद है । ईवीएम की सुरक्षा में भाजपा की कोई सेंधमारी न हो,इसके लिये कांग्रेस के कार्यकर्ता भी स्ट्रांग रूम के बाहर जनमत की निगरानी व सुरक्षा में जुटे है।
किमटा ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ईवीएम की सुरक्षा को लेकर भारी चिंता जताई रही हैं। उन्होंने कहा कि कहीं निजी वाहन में ईवीएम को ले जाना और कहीं किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा स्ट्रांग रूम की वीडियो बनाना प्रशासन के खोखले पुख्ता दावों की पोल खोलता है।
किमटा ने चुनाव आयोग से सर्विस वोटर्स के मतपत्रों की पूरी सुरक्षा करने व उनमें किसी भी प्रकार की सेंधमारी के प्रति आगह करते हुए कहा है कि उनके मतपत्रों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो यह पूरी तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
किमटा ने दावा किया है कि प्रदेश में लोगों ने कांग्रेस के पक्ष में भारी मतदान किया है। उन्होंने इसके लिये प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने जो वादे किए है उन्हें वह सत्ता में आते ही पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन बहाल की जाएगी।
किमटा ने भारत के मुख्य चुनाव आयोग से प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के बीच एसजेपीएनल द्वारा शिमला शहर के लिये 700 करोड़ की पेयजल योजना की निविदा देने पर आपत्ति जताई है। इस संदर्भ में उन्होंने एक पत्र चुनाव आयोग को भेजा है।
किमटा ने पत्र में चुनाव आयोग से पेयजल की इस प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि इस टेंडर प्रक्रिया में भारी अनिमिततायां पाई गई है। उन्होंने कहा है कि 8 दिसम्बर को प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आने है।उसके बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन होना है,तब तक आयोग को इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगनी चाहिए।