ज्वाली – शिबू ठाकुर
उपमंडल ज्वाली के निकट व्रती क्षेत्र चनियांला, भलाड, बांध में बंदरों का आतंक दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। एक तरफ बारिश होने से किसानों ने राहत की सांस ली और जैसे तैसे करके गेहूं की बुवाई की।
वहीं हर रोज बंदरों ने खेतों में घुसकर बीज तलाशने और खाने शुरू कर दिए। इसके चलते अधिकांश खेतों में 20 या 30 फीसद ही बीज का जमाव हो पा रहा है।
ज्यादातर ग्रामीणों की रोजी-रोटी कृषि पर ही निर्भर है। यदि फसल अच्छी होती है तो किसान भी चैन की नींद लेते हैं। लेकिन कुछ दिनों से किसानों की नींद बंदरों और जंगली जानवरों ने उड़ा रखी है।
वहीं इस बार मौसम की मार से पहले ही किसान परेशान हैं। आलम यह है कि कई ग्रामीण इलाकों में किसान खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं। सरकार की ओर से बेशक कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं, मगर उत्पातियों की संख्या में किसी तरह का अंतर नजर नहीं आता है।
वहीं शिव कुमार, बलकार सिंह, जोगिंदर सिंह, देस राज, प्रभात सिंह, रत्न सिंह आदि किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने उत्पातियों की समस्या के निज़ात हेतु ठोस कदम नहीं उठाए तो किसानों की बची हुई भूमि भी बंजर हो जाएगी।