व्यूरो रिपोर्ट
कांगड़ा जिले की सात विधानसभा सीटों पर टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा के आठ बागियों ने नामांकन पत्र भरकर अपनी ही पार्टी के समक्ष चुनौती पेश कर दी है। वहीं जिले में तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस नेताओं ने अपने ही पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाकर पर्चे भर दिए हैं।
सबसे बड़े जिले में डैमेज कंट्रोल के लिए अब दोनों ही बड़ी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए 29 अक्तूबर नामांकन वापसी की आखिर तारीख तक का ही समय है।
बागी नेता चुनाव में किसी भी पार्टी के समीकरण बनाने और बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी नहीं चाहेगी कि उसके वोट बैंक में सेंध लगे। इसके चलते नामांकन वापसी के अंतिम दिन यानी 29 अक्तूबर तक पार्टियां अपने बागी नेताओं को मनाने में जुट गई हैं।
भाजपा की बात करें तो ज्वालामुखी से भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष अतुल कौशल, शाहपुर से भाजपा नेता जोगिंद्र पंकू, देहरा से भाजपा से नाता तोड़कर होशियार सिंह और फतेहपुर से बगावत करने वाले कृपाल परमार आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं।
वहीं, कांगड़ा से भाजपा से बगावत कर कुलभाष चौधरी, धर्मशाला से मंडल भाजपा अध्यक्ष अनिल चौधरी और अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष विपिन नैहरिया ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है।
दूसरी तरफ तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस नेताओं ने निर्दलीय नामांकन भरकर पार्टी प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सुलह से कांग्रेस के पूर्व विधायक जगजीवन पाल आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
जयसिंहपुर से कांग्रेस नेता सुशील कौल बतौर आजाद प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इंदौरा से पिछला चुनाव लड़ चुके कमल किशोर बतौर आजाद प्रत्याशी उम्मीदवार हैं। धर्मशाला भाजपा मंडल ने गत दिनों सामूहिक इस्तीफे दे दिए थे अब उन्होंने इस्तीफे वापस ले लिए हैं।
भाजपा के जिला अध्यक्ष चुद्रभूषण नाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में धर्मशाला भाजपा मंडल के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस्तीफे वापस ले लिए हैं। उन्होंने पूर्व विधायक विशाल नेहरिया सहित तमाम भाजपा मंडल धर्मशाला के नेताओं व कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।