92 की उम्र, बेटी IPS तो दिंवगत बेटा था MLA : जानिए कौन है वायरल हो रहे ये बुजुर्ग

--Advertisement--

हिमखबर डेस्क

देश की आज़ादी का जश्न मनाने के लिए शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह इस बार एक अनोखी याद छोड़ गया। समारोह में जहां परेड, तिरंगा फहराना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे, वहीं 92 वर्षीय पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रत्ती राम वर्मा का नाटी पर थिरकना सबसे बड़ा आकर्षण बना रहा।

जब कलाकारों ने हिमाचल की लोक धुनों पर नाटी गाई तो दर्शकों के बीच बैठे वर्मा खुद को रोक नहीं पाए। वे उठे और कलाकारों के संग थिरकने लगे। उनके ठुमके और आत्मविश्वास भरे अंदाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा और देखते ही देखते उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में परेड निरीक्षण के बाद रंगारंग कार्यक्रम हुए। नाटी की धुन बजते ही जब 92 साल की उम्र में पूर्व डीजीपी कदम मिलाते नज़र आए तो हर कोई हैरान रह गया। मंत्री, अधिकारी, आम दर्शक सबकी नज़रें उन्हीं पर टिक गईं। लोगों ने कहा कि उम्र चाहे कोई भी हो, यदि मन में जोश और दिल में देशभक्ति हो तो इंसान हमेशा जवान रहता है।

रत्ती राम वर्मा अपनी उम्र के इस पड़ाव में भी पूरी तरह सक्रिय हैं। रोज़ाना की दिनचर्या में वे मॉल रोड पर टहलते हैं और इंडियन कॉफी हाउस में मित्रों व परिचितों के साथ बैठते हैं। उनकी फिटनेस देख लोग प्रेरित होते हैं। कुछ वर्ष पहले उन्होंने शिमला में आयोजित मिनी मैराथन की 3 किलोमीटर दौड़ में हिस्सा लिया था।

यह आयोजन नशे के खिलाफ संदेश देने के लिए हुआ था। उस समय वर्मा ने कहा था कि नशा एक मीठा जहर है। यदि युवाओं को यह लग गया तो जीवन बर्बाद हो जाता है। मेरा संदेश है कि युवा इससे दूर रहें और खेल व पढ़ाई पर ध्यान दें।

ठियोग के मूल निवासी रत्ती राम वर्मा को हिमाचल के सबसे ईमानदार और कर्मठ पुलिस अधिकारियों में गिना जाता है। नब्बे के दशक में जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे, तब वर्मा हिमाचल प्रदेश के डीजीपी बने। उन्हें वीरभद्र सिंह का भरोसेमंद अफसर माना जाता था।

डीजीपी पद के बाद वे हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भी बने। वर्ष 2011 में उन्हें पुलिसवाला ऑफ द ईयर और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। पुलिस विभाग में उनका नाम आज भी कार्यकुशलता, ईमानदारी और सख्ती के प्रतीक के रूप में लिया जाता है।

वर्मा सिर्फ वर्दी तक सीमित नहीं रहे। समाज और राज्य के लिए उनका योगदान सेवानिवृत्ति के बाद भी जारी है। वर्ष 2023 में जब प्रदेश भीषण मानसूनी आपदा से जूझ रहा था, तब उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट कर आपदा राहत कोष में हर महीने अपनी पेंशन से 10-10 हजार रुपये देने का संकल्प लिया।

एक साल तक उन्होंने लगातार यह अंशदान किया। इस पहल से यह साबित हुआ कि उम्र और पद से ऊपर उठकर भी समाज के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी निभाई जा सकती है। रत्ती राम वर्मा के परिवार में दो बेटियां और एक बेटा थे। उनकी बेटी तिलोतमा वर्मा 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजी) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी दूसरी बेटी भी अधिकारी हैं।

उनका बेटा राकेश वर्मा ठियोग से विधायक रह चुका है, लेकिन मई 2020 में असमय उनका निधन हो गया। बेटे के निधन ने परिवार को गहरा आघात दिया, परंतु वर्मा ने इस दुख को अपने जीवन का अंत नहीं बनने दिया। वे और अधिक मजबूती के साथ समाज सेवा और जनहित कार्यों से जुड़े रहे।

शिमला शहर के लोग अक्सर उन्हें सुबह मॉल रोड पर टहलते देखते हैं। वे लोगों से खुलकर बातचीत करते हैं और पुराने मित्रों के साथ इंडियन कॉफी हाउस में गपशप करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। उनका मानना है कि संवाद और सामाजिक जुड़ाव इंसान को जवान बनाए रखता है। उनकी जीवनशैली बताती है कि अनुशासन, व्यायाम और संतुलित सोच ही लंबी उम्र और सक्रिय जीवन का रहस्य है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

रेड क्रॉस शिविर में 69 लोगों ने किया रक्तदान

मंडी, 16 अक्तूबर - हिमखबर डेस्क  ंरेड क्रॉस सोसाइटी मंडी...

आपात परिस्थितियों में सीपीआर से बचाई जा सकती है किसी की जान

भोरंज के मिनी सचिवालय में सीपीआर पर आयोजित किया...

आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साक्षात्कार 28 से 30 अक्तूबर को रैत में होंगे आयोजित

शाहपुर, कांगडा व धर्मशाला उपमंडल की कुछ पंचायतों के...