शिमला – रजनीश ठाकुर
विधानसभा में हंगामा करने की बड़ी क़ीमत विपक्ष के सदस्यों को चुकानी पड़ सकती है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने वेल में नारेबाजी करने पर कड़ा संज्ञान लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में शोरगुल करने और वेल में नारेबाजी करने के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल, मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के उपचुनाव के समय दिए गए बयान पर घेरने की कोशिश की और इस पर सदन में हंगामा हो गया।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के जनसभा में दिए एक बयान का हवाला देते हुए इसे वापस लेने का आह्वान किया। इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि उपचुनाव के समय विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि छह विधायकों की मुंडी काट दी है और तीन आरे के नीचे हैं। यह बयान वापस लिया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई भी बयान सदन में नहीं दिया है। ऐसे में इस बयान के संबंध में उन्हें सदन में प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते सदन में उनके अधिकार कुछ और हैं और सदन के बाहर उनकी भूमिका कुछ और हैं।
उन्होंने सदन में ऐसी बात नहीं की इसलिए वे यहां इस विषय पर बहस की अनुमति नहीं देंगे? इससे नाराज होकर विपक्ष के सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। जब विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के आदेश दिए तो विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही और सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।