249 ग्राम चिट्टा (होरोइन) रखने के दोषी को कठोर कारावास और जुर्माना

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हिमखबर डेस्क

आज दिनांक 26/03/2025 को विशेष न्यायाधीश -1, मण्डी, जिला मण्डी की अदालत ने एक अहम मामले में फ़ैसला सुनते हुए आरोपी सुभाष चंद पुत्र सीता राम, निवासी धौंन कोठी, तहसील सदर, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश, को बड़ी मात्र में चिट्टा रखने के दोष मे 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ ₹1,00,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोषी को 3 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी मण्डी एवं विशेष लोक अभियोजक, विनोद भारद्वाज, जिन्होंने इस मामले का अभियोजन किया है; ने बताया कि 17.12.2023 को विशेष अनवेक्षण इकाई (एस आई यू) मण्डी ने पुंघ (सुन्दरनगर) में नाका लगाया हुआ था और सभी आने जाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों को चेक किया जा रहा था।

उसी समय सलापड़ की तरफ से मण्डी की तरफ एक निजी वॉल्वो बस एचo आरo 68 बी० 2908 आई, जिसे पुलिस
द्वारा चेकिंग के लिए रोका गया। गाड़ी के रुकने पर चेकिंग के दौरान सभी सवारियों के सामान को चेक किया जा रहा था। जैसे ही पुलिस चेक करते हुए गाड़ी की सीट संख्या 37 के पास पहुंची तो उक्त सीट पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था, जिसने अपनी गोद में एक पिट्ठू बैग पकड़ा हुआ था। जो कि पुलिस को अपने सामने देखकर घबरा गया और पुलिस टीम द्वारा पूछने पर कोई भी सनतोषजन उतर नहीं दे पाया।

उक्त व्यक्ति के इस तरह के व्यवहार के कारण पुलिस को उस पर कुछ संदेह हुआ कि उक्त व्यक्ति के पास कोई अवैध वस्तु हो सकती है। इसी संदेह के आधार पर उक्त व्यक्ति की तलशी लेना आवश्यक था। तलाशी लेने के लिए सभी आवश्यक औपचारिक्ताओं को पूरा किया गया और सवारियों को स्वतंत्र गवाह हेतु पूछा गया लेकिन सभी ने अपने अपने निजी कारणों से गवाह बनने से मना कर दिया।

इसलिए बस के चालक और परिचालक को स्वतंत्र गवाह रखकर, उक्त गवाहों के समक्ष सीट 37 पर बैठे हुए व्यक्ति से उसका नाम व पता पूछा गया। पुलिस द्वारा पूछने पर उनसे अपना नाम और पता सुभाष चंद, पुत्र सीता राम निवासी धौंन कोठी, तहसील सदर, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश बताया।

उक्त व्यक्ति की गोद में रखे हुए बैग की तलाशी ली गई तो उसमें से उसका कुछ निजी सामान जैसे कि टोपी कुछ कपड़े और एक हैन्ड बैग मिला जिसके अंदर एक पलीथिन पाउच मिल जिसे खोलकर देखा गया तो उसमें बतीनुमा मटमैला पदार्थ प्राप्त हुआ था। उक्त पदार्थ को “ड्रग डिटेक्शन किट” से जाँचने पर वह पदार्थ हेरोइन पाया गया, जिसका कुल भार 258 ग्राम था ।

इस मामले में अनवेक्षण पूरा होने पर थाना अधिकारी ने मामले के चालान को माननीय न्यायालय में पेश किया। इस मामले का प्राथमिक परीक्षण माननीय विशेष न्यायाधीश –सुन्दरनगर के न्यायालय में चल रहा था परन्तु माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश शिमला ने अधिसूचना जारी की थी कि नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) के बड़ी मात्रा वाले जीतने भी मामले है उन सभी का परीक्षण मण्डलीय स्तर पर ही होना चाहिए, जिस कारण से यह मामला विशेष न्यायाधीश मण्डी –1 को प्राप्त हुआ था और इस मामले का परीक्षण उक्त न्यायालय में किया गया।

जिला न्यायवादी ने यह भी बताया कि मौके से जो चिट्टा बरामद किया गया था उसका भार 258 ग्राम था तथा बाद मैन जब “माल सूची कार्यवाही” (INVETORY PROCEEDING) की गई तो इसका भार 256 ग्राम पाया गया तथा न्यायलयिक विज्ञान प्रयोगशाला (SF।) में इसका वास्तविक भार 249 ग्राम पाया गया था।

जिसके आधार पर माननीय विशेष न्यायाधीश –सुन्दरनगर ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा कर दिया था। जब
यह मामला विशेष न्यायाधीश मण्डी –1 को प्राप्त हुआ था तो उस वक्त दोषारोपण (charge) को संसोधित किया गया था। मामले के परीक्षण के दौरान दोषी फरार हो गया था जिसको कि बाद में फिर से हिरासत में लिया गया था।

जिला न्यायवादी मण्डी ने यह भी बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने माननीय न्यायालय के समक्ष 21 गवाह पेश किए। जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 21 (b) के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ ₹1,00,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई और यदि दोषी जुर्माना देने में असफल रहता है तो उसे 3 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

दोषी को सजा सुनते समय माननीय न्यायालय ने जब दोनों पक्षों की दलीलों को सुना तो, अभियोजन पक्ष की तरफ से यह विशेष दलील दी गई कि यह अपराध समाज के खिलाफ है और युवा पीढ़ी को पतन की ओर धकेल रहा है, इस मामले को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अभियोजन पक्ष ने माननीय न्यायालय के समक्ष माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्णित सोनू बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार (Cr.।J 2024 page 2295) फैसले का उदाहरण पेश करते हुए न्यायालय से इस
मामले में कड़ी सजा की मांग की थी।

उन्होंने यह भी बताया कि यह मण्डी जिले में चिट्टे (हेरोइन) की बड़ी मात्र का पहला मामला है, जिसमें दोषी से बड़ी मात्रा में चिट्टा बरामद हुआ है। यह मात्र इतनी बड़ी है कि इससे लगभग 2500 लोगों को नशे की लत लगाई जा सकती थी।

जिला न्यायवादी ने यह भी कहा कि चिट्टे जैसा नशा हमारी युवा पीढ़ी को दीमक की तरह भीतर ही भीतर खोखला कर रहा है, यह एक इस किस्म का नशा है जो एक बार इसको इस्तेमाल करता है तो वह हमेशा के लिए इसके चंगुल में फंस जाता है। यह मामला न केवल एक अपराधी को सजा दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में नशे के खिलाफ एक
कड़ा संदेश देने का कार्य भी करता है ।

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