12वीं के अंग्रेजी ही नहीं, फिजिक्स में भी गलत स्कैन हुई थी आंसर-की, जानें पूरा मामला विस्तार से

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हिमखबर डेस्क 

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा के अंग्रेजी ही नहीं, बल्कि फिजिक्स विषय में भी गलत आंसर-की को स्कैन कर दिया था। यह आंसर-की उन अभ्यर्थियाें के लिए गलत थी, जो जिला लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्र से संबंधित थे।

खराब मौसम के कारण जिला लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्र में शुरुआती तीन-चार परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था, जिसमें फिजिक्स विषय भी शामिल था।

जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने गलत आंसर-की को स्कैन करने की गलती सिर्फ 12वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय में ही नहीं, बल्कि जमा दो कक्षा के फिजिक्स विषय की आंसर-की में भी दोहराया है।

फिजिक्स विषय में भी पहले हुए पेपर की आंसर-की को प्रदेशभर के अभ्यर्थियों के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तरों को जांचने के लिए जारी कर दिया था, जबकि खराब मौसम के कारण जिला लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्र में बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं चार मार्च से शुरू न होकर माह के अंत में हुईं थीं।

इसके चलते इन क्षेत्रों के लिए अलग से प्रश्नपत्र तैयार किया गया था, लेकिन बोर्ड प्रबंधन ने इन दो क्षेत्रों के अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की आंसर-की को 5 मार्च को हुई परीक्षा के जारी आंसर-की से ही स्कैन करवा दिया था, लेकिन बाद में गलती का एहसास होने के बाद बोर्ड प्रबंधन ने संबंधित क्षेत्रों के लिए नए प्रश्नपत्र के हिसाब से तैयार आंसर-की को स्कैन कर रिजल्ट को संशोधित किया।

वहीं, अब 12वीं कक्षा के ही गणित विषय के अभ्यर्थियों ने भी उन्हें कम अंक मिलने की बात कही है। अभ्यर्थियाें का कहना है कि उन्होंने जिस हिसाब से गणित विषय की परीक्षा दी थी और उन्हें जिस हिसाब से अंक मिले हैं।

वह प्रश्नपत्र का खुद मूल्यांकन करने के बाद दिए गए अंकों के मुकाबले कम हैं। इसी बीच संबंधित विषय के विशेषज्ञों ने भी दावा किया है कि उनके विद्यार्थियों का जो एवरेज स्कोर था, वह गणित विषय में भी कम रहा है।

करवा सकते हैं पुनमूल्यांकन-पुनर्निरीक्षण

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि परीक्षा परिणाम से सभी छात्र संतुष्ट नहीं होते हैं। परिणाम के बाद हर बार बोर्ड के पास हजारों की तादाद में पुनर्मूल्यांकन और पुनर्निरीक्षण के लिए आवेदन पहुंचते हैं।

ऐसे में अगर अभ्यर्थियों को आशंका है कि उन्हें संबंधित विषय में कम अंक मिले हैं, तो वे पुनमूल्यांकन और पुनर्निरीक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों की गलती की वजह से गलत आंसर-की को स्कैन किया है, उन पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

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