धर्मशाला- राजीव जस्वाल
अब हिमालयन गद्दी यूनियन ने प्रदेश सरकार को छह उपजातियों के नाम के साथ गद्दी शब्द जोड़ने के लिए मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है। यूनियन मांग कर रही है कि प्रदेश भर में विशेष तौर से कांगड़ा व चंबा में गद्दी से वंचित उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जोड़ा जाए।
लंबे समय से इन जातियों का उत्पीड़न होता आ रहा है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि सरकार ने इस बारे में कोई सकारात्मक कदम जल्द नहीं उठाया तो मार्च माह के बाद आंदोलन छेड़ दिया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी।
हाली, सिप्पी, बाडी, ढोगरी, लौहार व रिहाड़े जाति के साथ जोड़ा जाए गद्दी शब्द
यूनियन के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह, उपाध्यक्ष जागृत, पूर्व अध्यक्ष मंगत राम, पूर्व महासचिव राज कुमार, महासचिव अक्षय कुमार, विजय कुमार, प्रताप सिंह, तनू मस्ताना, देशराज अत्री व मीडिया प्रभारी मुनीष ने कहा कि पिछले कई सालों से केंद्र सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम जयराम ठाकुर सहित सरकार के अधिकारियों के समक्ष लगातार मांगे उठाई जा रही हैं। लेकिन इसके बावजूद उनकी अनदेखी की जा रही है।
इन अनदेखी को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 13 उपजातियों में से सात को भू-अभिलेख में गद्दी शब्द से जोड़ा गया है, जबकि छह उपजातियों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि गद्दी जनजाति से वंचित उपजातियां हाली, सिप्पी, बाडी, ढोगरी, लौहार व रिहाड़े को वंचित रखा गया है।
इसलिए अब उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि मार्च माह तक हाली, सिप्पी, बाडी, ढोगरी, लौहार व रिहाड़े जाति के साथ गद्दी शब्द जोड़ा जाए।