जोगिंदरनगर/मंडी – अजय सूर्या
जिले के जोगिंदरनगर हल्के के तरामट गांव की बेटी अलीशा कटोच ने पैराग्लाइडिंग में अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। हाल ही में कजाकिस्तान में आयोजित पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी वर्ल्ड प्रतियोगिता में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला पैराग्लाइडर पायलट बनकर इतिहास रच दिया।
16 साल की उम्र में भरी पहली उड़ान
अलीशा ने साहसिक खेलों की शुरुआत महज 16 साल की उम्र में की। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग साइट से पहली बार टेक-ऑफ किया। 2019 में उन्होंने यहां पैराग्लाइडिंग के गुर सीखे। इसके बाद उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन से अपनी पहचान बनाई।
विश्व कप में दिखाया दमखम
बीड़ बिलिंग में आयोजित पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप में अलीशा ने दुनिया के दिग्गज पायलटों को कड़ी टक्कर दी। उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित कर साहसिक खेलों में अपनी जगह मजबूत की। मौजूदा समय में अलीशा धर्मशाला में चल रहे पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी वर्ल्ड कप में अपने हुनर का जलवा दिखा रही हैं। उनका कहना है कि प्रतियोगिताओं के दौरान अन्य देशों के पायलटों से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल रहा है। इससे उनकी उड़ान और बेहतर हो रही है।
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पैराग्लाइडर विजय सोनी से अलीशा तकनीकी गुर सीख रही हैं। उनका कहना है कि हर नई सीख उन्हें आसमान की ऊंचाई नापने का आत्मविश्वास देती है। तरामट गांव की अलीशा की उपलब्धियों पर उनके गांव और प्रदेश को गर्व है। ऐहजू पंचायत की प्रधान अंजना ने कहा, “अलीशा ने साहसिक खेलों में जो मुकाम हासिल किया है, उससे पूरे क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है।”
अलीशा कटोच की लगन और साहसिक उपलब्धियां युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके साहस और जज्बे ने देश-विदेश में भारत का नाम ऊंचा किया है।