शिमला – नितिश पठानियां
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में लगातार आंधी-तूफान, भारी बारिश तथा कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के अनुमान की चेतावनी जारी की है।
आईएमडी के अनुसार हिमाचल में समय से दस दिन पहले मानसून आ सकता है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 15 से 17 जून के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की उम्मीद है, जो तय समय से लगभग 10 दिन पहले है।
यह मजबूत चक्रवाती गतिविधि और नमी से भरी हवाओं के कारण हो सकता है, जो पहले से ही दक्षिणी प्रायद्वीप के माध्यम से मानसून को आगे बढ़ा रहे हैं।
हिमाचल के छह जिलों में शुक्रवार सुबह तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई और तूफान के कारण पर्वतीय राज्य में आम जनजीवन आंशिक रूप से बाधित हुआ।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार बारिश राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर पर बने मजबूत चक्रवाती परिसंचरण से प्रभावित मानसून के पूर्व गतिविधि का हिस्सा है।
इससे कांगड़ा, शिमला, सोलन, बिलासपुर, ऊना, सिरमौर और हमीरपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। राज्य में आज सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच तेज बारिश हुई और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, साथ ही कुछ जगहों पर ओलावृष्टि हुई।
शिमला के कई इलाकों में नाले उफान पर दिखे और बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। आसमान में अंधेरा छा गया और लोगों को घर के अंदर रहने को मजबूर होना पड़ा।
बारिश के कारण डेढ़ घंटे से अधिक समय तक सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त रहा। खराब मौसम के कारण कई क्षेत्रों में विमान संचालन, सडक़ यातायात और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
15 से 17 जून तक मॉनसून
आईएमडी ने राज्य के अधिकांश हिस्सों के लिए येलो अलर्ट तथा तीन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में लगातार आंधी-तूफान, भारी बारिश तथा कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के अनुमान की चेतावनी जारी की है।
अगले 48 घंटों में बारिश
मौसम कार्यालय ने पूर्वानुमान लगाया है कि अगले 48 घंटों में मंडी और कुल्लू सहित कई जिलों में गरज के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश जारी रहेगी। कांगड़ा, चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे अन्य क्षेत्रों में भी हल्की बारिश हो सकती है।
मानसून का समय से पहले आना राहत भरी खबर है, लेकिन इसके साथ होने वाली मौसमी गड़बडिय़ों ने निवासियों और किसानों के माथे पर चिंता की लकीर पैदा कर दी है, खासकर भूस्खलन वाले क्षेत्रों में।
राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने लोगों को स्थानीय सलाह का पालन करने और प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।