शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों की करीब 70 योजनाओं के टेंडर रद्द किए गए हैं। निविदा की राशि का सही आकलन नहीं करने पर अलग-अलग विभागों ने इस संबंध में फैसले लिए हैं तो कुछ मामलों में दस्तावेजों के पूरा न होने और अकेले बोलीदाता के आने पर भी इन्हें रद्द किया गया है।
राज्य सरकार की सख्ती के बाद सभी प्रशासनिक सचिवों ने विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि विभिन्न योजनाओं के टेंडर लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाए कि फिजूलखर्ची न हो। अच्छी स्पर्धा करवाकर ही टेंडर लगाए जाएं। ऐसे में कई टेंडर दस्तावेजों में अनियमितताएं और अधूरापन पाए जाने पर उन्हें रद्द किया गया है। कुछ टेंडरों में दस्तावेज पूरे न होने की वजह से भी इन्हें खारिज किया गया है और औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इन्हें दोबारा लगाया जाएगा।
इन योजनाओं के टेंडर किए रद्द
- बस स्टैंड से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुब्बल के लिए बस स्टैंड से रास्ता बनाने,
- जिला बिलासपुर की तहसील सदर में सोलग जुरासी से धार टटोह के लिए लिफ्ट इरिगेशन वाटर सप्लाई स्कीम,
- ज्वालामुखी में विभिन्न खड्डों में वर्षा जल संग्रहण ढांचे बनाना,
- तहसील घुमारवीं में नए स्रोत मनी खड्ड से जलापूर्ति योजना मालयोर,
- देवनगर से मूलबारी सड़क के लिए लिंक रोड में मेटलिंग और टारिंग,
- पॉलिटेक्निक कॉलेज हमीरपुर में मेकेनिकल इंजीनियरिंग ब्लॉक का निर्माण,
- राजकीय डिग्री कॉलेज सलूणी में बैडमिंटन कोर्ट और वॉलीबाल कोर्ट निर्माण,
- सुमन फाइलिंग स्टेशन रामपुर में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन का निर्माण,
- धर्मशाला में सिद्धपुर मोहाली फेज-दो में हाउसिंग कॉलोनी का निर्माण,
- ज्वाली में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनाने,
- देहरा में न्यायिक कोर्ट परिसर का निर्माण,
- भावानगर में गानवी खड्ड से सिल्ट हटाने,
- नादौन के रैल में पीएचसी निर्माण,
- टांडा कॉलेज में न्यूरो सर्जरी के लिए उपकरण खरीद,
- नूरपुर में सामुदायिक भवन निर्माण,
- सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा में हॉस्टल निर्माण सहित कई कामों के टेंडर रद्द किए गए हैं।