हिमाचल में कुदरत का रौद्र रूप: मां-बेटी सहित चार की मौत, सड़कें बंद..शिमला-काजा राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पूरी तरह से टूटा

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शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही का दौर जारी है। ताजा घटनाक्रम में, शुक्रवार को किन्नौर के रिब्बा नाले में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) से शिमला-काजा राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पूरी तरह से टूट गया।

इससे पूह और स्पीति घाटी का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है। ज्ञाबूंग और चारंग नालों में भी बाढ़ से पुलों को काफी नुकसान पहुंचा है।

वहीं गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य में चार लोगों की मौत हो गई, जिससे मॉनसून सीजन में मरने वालों की संख्या 247 से अधिक हो गई है। इन मौतों में सड़क हादसों में हुई 117 मौतें भी शामिल हैं।

बारिश और भूस्खलन के कारण पूरे प्रदेश में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुरुवार शाम तक, दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 470 सड़कें बंद हो गईं, जिससे यातायात ठप हो गया।

इनमें मंडी जिले में सबसे ज्यादा 162 सड़कें, शिमला में 99 और कुल्लू में 73 सड़कें बंद हैं। बंद सड़कों को खोलने का काम लगातार जारी है।

गुरुवार को हुई मौतों की बात करें तो, चंबा और शिमला जिलों में चार लोगों की जान गई। चंबा के भरमौर में मणिमहेश यात्रा पर जा रहे एक श्रद्धालु की पहाड़ी से पत्थर गिरने से मौत हो गई।

वहीं, शिमला के रामपुर के तकलेच में 20 वर्षीय मीरा पर भी पत्थर गिरने से उसकी जान चली गई। शिमला के कुसुम्पटी में मां-बेटी पराड़ी खड्ड में बह गईं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बोल 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे इलाकों में भी बादल फटने और अचानक बाढ़ की घटनाएं हो रही हैं, जहां पहले केवल बर्फ गिरती थी।

उन्होंने बताया कि कुल्लू, शिमला और किन्नौर में पिछले 24 घंटों में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। सीएम ने केंद्र सरकार से इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए विशेष राहत पैकेज और वैज्ञानिक समाधान की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र से बातचीत हुई है और वैज्ञानिकों की टीम प्रदेश का अध्ययन कर चुकी है।

आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को अब तक 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। हजारों घर और दुकानें भी तबाह हो चुकी हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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