एनटीटी भर्ती में एक वर्षीय डिप्लोमा धारकों की उपेक्षा निंदनीय, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समावेश जरूरी – पात्र युवाओं को अवसर दिया जाए, एनटीटी के 2012 बैच के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय स्वीकार्य नहीं, राज्य सरकार तत्काल संशोधित अधिसूचना जारी करे, अन्यथा होगा व्यापक आंदोलन – नैंसी अटल
शिमला – नितिश पठानियां
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) भर्ती प्रक्रिया में 1 वर्षीय डिप्लोमा धारकों को पात्रता सूची से बाहर किए जाने के निर्णय का कड़ा विरोध करती है।
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में घोषित एनटीटी भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ 2 वर्षीय डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना गया है, जिससे सैकड़ों युवाओं, विशेषकर महिलाओं, के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है।
प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि हजारों की संख्या में ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने वर्ष 2012 अथवा उससे पूर्व में एनटीटी का 1 वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त किया था, जो उस समय की मान्यता प्राप्त प्रणाली के अंतर्गत था।
आज वही डिप्लोमा धारक, वर्षों तक नौकरी की प्रतीक्षा करते रहे और अब जब सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है, तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि वर्षों की मेहनत और समर्पण को अनदेखा करने जैसा है।
प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि अभाविप का मानना है कि यह निर्णय न केवल उम्मीदवारों की योग्यता का अपमान है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और भविष्य की उम्मीदों पर भी प्रहार है।
कई डिप्लोमा धारक अब आयु सीमा (21 से 45 वर्ष) पार कर चुके हैं, जिससे उनका शासकीय सेवा में चयन का सपना अधूरा रह जाएगा।
अभाविप हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग करती है कि 1 वर्षीय एनटीटी डिप्लोमा धारकों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाए और उनके साथ न्याय किया जाए। यदि तत्काल रूप से इस विषय पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद राज्य भर में जनजागरण अभियान चलाकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।