हिमाचल: डाक विभाग में फर्जी मार्कशीट से हासिल की नौकरी, CBI ने राजस्थान, हरियाणा और बिहार के 3 लोगों पर दर्ज किए केस

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हिमखबर डेस्क

हिमाचल में डाक विभाग की ग्रामीण डाक शाखाओं में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने के एक साथ 3 मामले सामने आए हैं। इनमें एक आरोपी राजस्थान, दूसरा हरियाणा तो तीसरा बिहार से संबंध रखता है। ऐसे में शिकायत पर तीनों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की शिमला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शाखा ने तीनों के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज की हैं।

आरोपियों ने कथित तौर पर 10वीं की फर्जी मार्कशीट पेश की और अंकों के आधार पर वह मैरिट में आ गए तथा उनका चयन ग्रामीण डाक सेवक के तौर पर हो गया। ऐसे में जब विभाग ने पेश किए गए शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन करवाया तो तीनों की पोल खुल गई। माना यह भी जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों से जुड़े मामलों में कोई बड़ा गिरोह सक्रिय हो सकता है।

केस 1

दर्ज पहले मामले के तहत लोकेश सिंह निवासी जिला भरतपुर राजस्थान को ग्रामीण डाक सेवक के रूप में नियुक्त किया था और सराहन बुशहर उप डाकघर रामपुर, जिला शिमला में नियुक्त किया गया था तथा 24 फरवरी 2021 से 26 दिसम्बर 2023 तक वह तैनात रहा।

इसी बीच जब दस्तावेजों का सत्यापन करवाया  तो उसके  द्वारा 10वीं कक्षा की जो मार्कशीट पेश की गई थी, वह सरकारी परीक्षा निदेशालय इलाहाबाद यूपी द्वारा जारी नहीं की गई थी और उनके रिकॉर्ड में नहीं पाई गई। फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल कर लोकेश सिंह ने 1,45,100 रुपए का वेतन भी लिया। हालांकि डाक विभाग द्वारा उससे 50,458 रुपए वसूल किए गए। इस प्रकार 85,615 रुपए की राशि की डाक विभाग को अवैध क्षति पहुंचाई गई।

केस 2

हरियाणा जिला चरखी दादरी निवासी ओमवीर की नियुक्ति फोजल बीओ सब पोस्ट ऑफिस कटराई जिला कुल्लू में ग्रामीण डाक सेवक के रूप में वर्ष 2022 में हुई। जब ओमवीर की मार्कशीट को सत्यापन करवाया गया तो अवर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की रिपोर्ट के अनुसार उसकी मार्कशीट फर्जी पाई गई। ऐसे में 27 सितम्बर 2023 को उसकी सेवा प्राधिकारी द्वारा समाप्त कर दी गई।

केस 3

धर्मशाला मंडल के अधीन शाखा डाकघर अरला में बिहार छपरा सारन निवासी नौशाद कुरैशी का चयन मैट्रिक के अंकों की मैरिट की वरीयता सूची के अनुसार शाखा डाकपाल के पद पर हुआ था। दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान उसके शैक्षणिक दस्तावेज जाली पाए गए।

जिसकी पुष्टि कार्यालय संयुक्त सचिव, झारखंड अधिविद्य परिषद रांची द्वारा की गई। उक्त पद पर उसकी नियुक्ति 1 सितम्बर 2022 को हुई और फरवरी 2023 तक वह कार्यरत रहा। इस दौरान उसने वेतन के तौर पर 1,09,483 की राशि भी प्राप्त की।

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