शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला में एक पोते ने जायदाद के लिए अपने ही दादा की हत्या कर दी थी। रामपुर की अदालत ने अब इस कलयुगी पोते को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं जुमार्ना भी लगाया है।
आरोपी की पहचान त्याग राज (34) पुत्र सोहन लाल निवासी गांव कटेली डॉ देवरी तहसील आनी जिला कुल्लू के रूप में हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार 14 अप्रैल, 2020 को बुजुर्ग अपने घर में शौचालय का निर्माण करवा रहा था। इस निर्माण कार्य में दो अन्य लोगों के अलावा बुजुर्ग का पोत भी काम पर लगा था।
14 अप्रैल को जब काम खत्म हो गया तो बुजुर्ग ने तीनों लोगों को उनकी मजदूरी दे दी। मजदूरी लेकर दो लोग अपने अपने घर चले गए, लेकिन पोता वहीं दादा के पास रूक गया। अरोपी का दादा लंबे समय से अकेला ही रहता था।
संपति को लेकर चल रहा था विवाद
पोता लंबे समय दादा से उसकी संपत्ति अपने नाम करवाने की बात करता था। लेकिन दादा ने साफ इंकार कर दिया था।
उसे दिन भी संपत्ति को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और आरोपी पोते ने दादा के सिर पर जमीन पर पटक दिया। यही नहीं उससे मारपीट कर वह अपने घर चला गया।
इस दौरान बुजुर्ग घायल हो गया। जिसका पता अगले दिन पड़ोसियों को लगा, तो उन्होंने उसके बेटे को इसकी जानकारी दी।
15 गवाहों के साक्ष्य से मिली सजा
बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीएस की धारा 302 के तहत थाना आनी में मुकद्दमा दर्ज कर आगामी जांच शुरू की।
पुलिस ने अदालत में 15 गवाहों के साक्ष्य प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई। सरकार की तरफ से मुकद्दमे की पैरवी जिला उप-न्यायवादी कमल चंदेल व केएस जरियाल ने की।