शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल में आज कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हो रही है। प्रदेश सचिवालय में दोपहर 12 बजे ये बैठक आयोजित हो चुकी है। इस बैठक में कई अहम मसलों पर मुहर लग सकती है। कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा भी बन रहा है।
मंत्रिमंडल की बैठक में रिटायरमेंट एज और पेंशन नियमों से संबंधित कई बड़े फैसले पहले ले लिए जा सकते हैं। बता दें कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में बनी रिसोर्स मोबिलाइजेशन कैबिनेट सब कमेटी की कई सिफारिशें अभी लंबित हैं, जिसमें अधिकांश पर सरकार ने अभी फैसला नहीं लिया है।
इसी सिफारिश में कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज बढ़ाना भी एक एजेंडा है। इस बैठक में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट लाइब्रेरी की भर्ती को लेकर मामला जा सकता है। इसके अतिरिक्त युवाओं को इलेक्ट्रिक टैक्सी देने की योजना का मामला भी मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार कैबिनेट में जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग में हिम केयर और आयुष्मान को लेकर पिछली कैबिनेट में चर्चा हुई थी। इसको लेकर भी कैबिनेट में चर्चा संभव है। ऐसे में अब 19 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सबकी नजर रहेंगी। वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाए जाने पर विचार कर रही है।
कैबिनेट सब-कमेटी ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन ने रिटायरमेंट की आयु को 58 साल से बढ़ाकर 59 साल करने की सिफारिश की है। ऐसे में प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 58 से 59 वर्ष करने के मामले पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो सकती है।
वित्त विभाग की ओर से इस बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। इस दौरान कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से सरकार के वित्तीय खजाने को होने वाले फायदे और नुकसान को लेकर विचार विमर्श होगा। कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद इस फैसले टाले जाने या फिर लागू किए जाने पर लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है।
प्रदेश सरकार चाहती है कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाकर इस साल पड़ने वाले वित्तीय बोझ को अगले साल के लिए टाला जा सके हालांकि वित्तीय संकट से पार पाने के लिए ये स्थाई समाधान नहीं है। एक साल देरी से सेवानिवृत्त करने पर कर्मचारियों को कम्यूटेशन का लाभ देने की नौबत नहीं आएगी. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के सामने युवाओं को रोजगार देने की भी चुनौती।