शिमला – नितिश पठानियां
राज्य के सरकारी स्कूलों में हर आखिरी शनिवार अब पहाड़ी बोली में बात होगी। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रावधान के अनुसार एक नई एक्टिविटी बैग फ्री डे के लिए जोड़ी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस पहल को शुरू किया है।
निदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से सभी जिलों के उपनिदेशकों को निर्देश जारी हुए हैं कि लोकल डायलेक्ट में इंटरेक्शन बैग फ्री डे के दिन की जाए। इस पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस तरह का प्रावधान पहले से है कि भाषा आधारित विविधता को प्रमोट किया जाए, ताकि स्थानीय भाषा और सांस्कृतिक रीति रिवाज को जिंदा रखा जा सके।
इसलिए बैग फ्री डे के दिन हर महीने के आखिरी शनिवार को शिक्षक अपने स्कूलों में 1 घंटे तक स्थानीय भाषा या बोली में बात करेंगे। बच्चों से इसी पहाड़ी शैली में इंटरेक्शन होगा। राज्य सरकार ने अंतिम शनिवार के इस शेड्यूल को एनुअल एकेडमी कैलेंडर में भी मंजूर कर दिया है। सभी जिलों को इसे लागू करने के बाद रिपोर्ट भी सरकार को भेजनी होगी।
इसके तहत उस बोली या भाषा में बात होगी, जिस क्षेत्र का स्कूल है। मसलन कांगड़ा में कांगड़ी, मंडी में मंडयाली, शिमला में पहाड़ी बोली इस्तेमाल की जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि इसी महीने से इन निर्देशों की कंप्लायंस लेना शुरू कर दिया जाएगा।