हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के पूर्व एडीजीपी जय प्रकाश सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। पूर्व एडीजीपी जेपी सिंह ने चुनाव लडऩे के लिए वीआरएस ली थी, लेकिन उन्हें चुनाव में करारी हार मिली है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने उन्हें टिकट दिया।
जेपी सिंह बिहार की छपरा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें मात्र 3433 वोट मिल पाए। जेपी सिंह छपरा सीट पर 10 उम्मीदवारों में चौथे नंबर पर जरूर रहे, लेकिन विजय उम्मीदवार से 83 हजार 412 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए।
छपरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की छोटी कुमारी विधायक चुनी गई। उन्हें 86 हजार 845 वोट लेकर मिले। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के शत्रुघन यादव रहे, उन्हें 79 हजार 245 वोट मिले। तीसरे नंबर पर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट राखी गुप्ता को 11 हजार 488 वोट और चौथे नंबर पर जेपी सिंह रहे।
जेपी सिंह बिहार के एकमा के तेघड़ा गांव के रहने वाले हैं। उनका सफर प्रेरणादायक है। वह एक किसान परिवार से निकलकर, पहले सैन्य अधिकारी और फिर आईपीएस अधिकारी बने। हिमाचल पुलिस में विभिन्न पदों पर सेवाएं देने के बाद राजनीति में उतरे। दस जुलाई 1967 को बिहार में जन्मे जेपी सिंह हिमाचल कैडर के 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं।
31 जनवरी 2025 को ही वह एडीजी प्रमोट किए गए। एडीजी बनने के पांच महीने बाद ही उन्होंने चुनाव लडऩे का फैसला किया और जुलाई 2025 में समय से पहले रिटायरमेंट ले ली। उनकी रिटायरमेंट 31 जुलाई 2027 को तय थी। यानी दो साल पहले ही जेपी सिंह ने नौकरी छोड़ दी।

