जिला में धड़ाधड़ बन रहे पासपोर्ट, स्टूडेंट वीजा लगा सात समंदर पार जमा रहे डेरा
ऊना – अमित शर्मा
जिला ऊना की नई पौध पंजाब से इस कद्र प्रभावित है कि अपने सपने सच कर दिखाने के लिए उन्हें भी विदेशी धरती पसंद आने लगी है। विदेश में बसने की चाह तो पंजाबी कल्चर का हिस्सा बन ही चुकी है कि अब ऊना की युवा पीढ़ी भी विदेश में बसने को विकल्प चुनने लगी है। इसके लिए युवा पीढ़ी को स्टूडेंट वीजा कारगर हथियार लग रहा है।
पिछले कुछ सालों में ही ऊना के सैकड़ों युवा स्टडी वीजा के नाम पर विदेश की राह पकड़ चुके हैं। जाहिर है कि विदेश में पढ़ाई तो एक बहाना ही है, बल्कि युवाओं का निशाना कुछ और है। एक तो पश्चिमी सभ्यता युवाओं को भा रही है, तो उन्हें यह भी एहसास हो रहा है कि उनके सपने पूरे करने के लिए सबसे उपयुक्त धरती ही विदेश है।
हालांकि कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो डाक्टरी करने के लिए रूस व अन्य देशों का रुख कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश युवा ऐसे हैं, जो ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए विदेश की राह पकड़ रहे हैं। इसके लिए आइलेट्स करने का क्रेज इस कद्र है कि कुछ युवा तो इसके लिए पंजाब जा रहे हैं, तो कई संस्थाएं भी आइलेट्स कोर्स लेकर जिला ऊना में ही पैर जमाने लगी हैं।
हैरत की बात यह है कि अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए मां-बाप भी लाखों रुपए लगाने को तैयार हैं, तो कई तो इसके लिए लोन उठाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। सबसे ज्यादा क्रेज आस्ट्रेलिया व कनाडा का देखा जा रहा है। अब कई ट्रैवल एजेंट यहां भी अपने दफ्तर खोलने को तरजीह दे रहे हैं। ऊना के पुलिस थानों में पासपोर्ट की वेरीफिकेशन के लिए औसतन प्रति माह दस से पंद्रह केस आ रहे हैं।
विदेश में स्टडी वीजा दिलाने में मदद करने वाले स्मार्ट-वे इंटरनेशनल के नितिन ठाकुर का कहना है कि ऊना के युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ा है। हर साल औसतन सौ से डेढ़ सौ युवा स्टूडेंट वीजा पर विदेश में पढ़ाई करने जा रहे हैं।
डीएसपी डा. वसुधा सूद के बोल
वहीं डीएसपी डा. वसुधा सूद का कहना है कि जिला ऊना में पोसपोर्ट बनाने का क्रेज पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। उपमंडल अंब व गगरेट के पुलिस थानों में औसतन दस से पंद्रह पासपोर्ट वेरीफिकेशन हर माह पहुंच रही हैं।

