हिमखबर डेस्क
सुंदरनगर की 17 वर्षीय श्रेया लोहिया ने भारत के मोटर स्पोर्ट्स इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखा है। वो भारत की पहली महिला फॉर्मूला-4 रेसर बन गई हैं। यह उपलब्धि सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि उस सोच की जीत है जो कहती है कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।
महज 4-5 साल की उम्र से ही श्रेया के दिलो- दिमाग पर कार्टिंग रेसिंग का जुनून सवार हो गया था और 9 साल के उम्र से श्रेया ने कार्टिंग रेसिंग शुरू कर दी थी। पिता रितेश लोहिया, जो पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने जब पहली बार उन्हें रेसिंग कार्ट में बैठाया, तो किसी ने नहीं सोचा था कि ये छोटी शुरुआत एक दिन भारत को फॉर्मूला रेसिंग में नई पहचान दिलाएगी।
श्रेया ने अब तक 30 से अधिक पोडियम फिनिश अपने नाम किए हैं। साल 2024 में उन्होंने इंडियन फॉर्मूला-4 चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और हैदराबाद ब्लैक बर्ड्स टीम से शानदार प्रदर्शन कर देश की पहली महिला एफ-4 रेसर बनीं। बीते साल अगस्त से दिसंबर 2024 तक इस चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था।
उनके प्रदर्शन को देखते हुए फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स ऑफ इंडिया ने उन्हें चार बार सम्मानित किया है। उन्हें आउटस्टैंडिंग वुमन इन मोटरस्पोर्ट्स अवॉर्ड से नवाजा गया है। 2023 में देश में पहली बार फॉर्मूला-4 चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था और श्रेया इसमें भाग लेने वाली पहली महिला प्रतिभागी थी। साल 2023 की इस चैंपियनशिप में श्रेया ने पहले राउंड में ही भाग लिया था।
2022 में मिला पीएम बाल पुरस्कार
रेसिंग के साथ-साथ श्रेया पढ़ाई में भी उतनी ही गंभीर हैं। वो 12वीं कक्षा की विज्ञान की छात्रा हैं और होम स्कूलिंग के माध्यम से पढ़ाई कर रही हैं। श्रेया का कहना है कि ‘रेसिंग मेरा जुनून है, लेकिन शिक्षा भी उतनी ही जरूरी है। दोनों को साथ लेकर चलना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन चुनौती मुझेे मजबूत बनाती है।
वहीं साल 2022 में उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी मिला है। श्रेया की इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का बड़ा योगदान है। पिता रितेश लोहिया और माँ वंदना लोहिया, दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को हर चुनौती का सामना करने का हौसला दिया।
हिमालयन रैली की तैयारियों में जुटी श्रेया
ईटीवी भारत से बात करते हुए श्रेया लोहिया के पिता रितेश लोहिया ने बताया कि ‘श्रेया इन दिनों मनाली हिमालय रैली की तैयारियों में जुटी हुई है। अगले साल 18 साल की होने पर श्रेया आधिकारिक रूप से इस रैली में भाग लेंगी। इसके अलावा आगामी 2-3 महीनों में एब्रॉड में फॉर्मूला रेसिंग के लिए भी श्रेया जाएंगी।