ब्राहल खड्ड में फेंके जा रहे मैटीरियल को लेकर कंपनी ने किया साफ इंकार–
कोटला – व्युरो चीफ
हिमख़बर न्यूज़ चैक पर में 30 मार्च को ‘ब्राहल नदी में फेंका जा रहा फोरलेन का मलबा, पेयजल स्त्रोत दबे’ नामक शीर्षक से चली खबर का असर देखने को मिला। खबर को प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद ज्वाली प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है।
एसडीएम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह ने इस संदर्भ में फोरलेन व कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा है लेकिन दोनों ने ही इसका जिम्मा लेने से इंकार कर दिया है। अब प्रशासन ने नेशनल हाइवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को नोटिस भेज कर जबाब मांगा है कि बताया जाए यह कार्य किसका है।
फोरलेन कंपनी द्वारा खुदाई के दौरान निकल रहे मलबे को सरेआम एनजीटी के नियमों की उलंघना करके ब्राहल नदी में फेंका जा रहा है जिससे कई प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत दब गए तथा वन संपदा को भी काफी नुकसान हो रहा है।
32मील निवासी अनिल कुमार शर्मा व त्रिलोकपुर पंचायत प्रधान दुर्गा दास सहित लोगों ने बताया कि डंपिंग के लिए जगह का निरीक्षण कर वेस्ट मेटीरियल को वहां पर फेंका जाए तथा साथ ही पहाड़ों की कटाई से जो रास्ते बंद हो गए हैं उन रास्तों को बहाल किया जाए।
लोगों ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक और एसडीएम जवाली को एक प्रस्ताव सौंपा कर मांग उठाई थी कि गांव के रास्तों, बावड़ियों और वाटर पंप हाउस की सुरक्षा की जाए। इस समस्या को हिमख़बर न्यूज़ चैनल ने प्रमुखता से उठाया था प्रशासन ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है।
लोगों ने हिमख़बर न्यूज़ चैनल का आभार प्रकट किया है तथा कहा कि हिमख़बर ने इस समस्या को प्रमुखता से उजागर किया है जिसके चलते प्रशासन हरकत में आया। लोगों ने कहा कि हिमख़बर न्यूज़ चैनल जमीन से जुड़ा हुआ समाचार है जोकि आम जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाकर उनका हल करवाता है।