बिलासपुर, सुभाष चंदेल
अगर बागवानी विभाग उपमंडल स्वारघाट के किसानों को मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण के लिए कोई प्रावधान करे तो क्षेत्र के किसान आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकते है। क्योंकि इस क्षेत्र का वातावरण मशरूम उत्पादन के लिए अनुकूल है।
उपमंडल स्वारघाट के तहत ग्राम पंचायत तनबोल के नेरी गांव के तीन किसानों ने इस काम को अपने बूते पर फिलहाल छोटे स्तर पर शुरू किया है जिसमें वह कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। गांव नेरी के किसान संजय कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते उनकी नौकरी छूट गई। जिसके चलते उन्होंने घर पर रहते हुए कुछ आजीविका कमाने के साधन तलाशने शुरू किए। जिसमे उन्होंने अपने बूते पर मशरूम की खेती करने की ठानी।
लेकिन बिना किसी प्रशिक्षण के यह काम खतरे से खाली नहीं था। लेकिन थोड़ी बहुत जानकारी के साथ उन्होंने इस काम को शुरू कर दिया। उनकी देखरेख में क्षेत्र के दो और किसानों ने इस काम को शुरू किया वह भी काफी हद तक सफल रहे है। संजय कुमार और चेत राम ठाकुर का कहना है कि आगे बागवानी विभाग उपमंडल स्वारघाट के किसानों के लिए मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रबंध करता है तो यह किसानों के लिए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होने के लिए पहला कदम होगा।
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण के साथ साथ किसानों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए ताकि इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्हें किसी भी परेशानी ना उठानी पढ़े।