सुशासन सूचकांक में हिमाचल का ये जिला अव्वल, मिला 50 लाख रुपए का ईनाम

--Advertisement--

दूसरे स्थान पर हमीरपुर जिला को 35 लाख व तीसरे स्थान पर लाहौल-स्पीति को 25 लाख का ईनाम

शिमला – नितिश पठानियां

वर्ष 2022 के हिमाचल प्रदेश जिला सुशासन सूचकांक में कांगड़ा जिला के अव्वल रहने पर 50 लाख रुपए का ईनाम मिला है। इसके अलावा दूसरे स्थान पर रहे हमीरपुर जिला को 35 लाख रुपए तथा तीसरे स्थान पर रहे लाहौल-स्पीति को 25 लाख रुपए का ईनाम मिला है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा के उपायुक्त डाॅ. निपुण जिंदल, हमीरपुर के उपायुक्त हेमराज बैरवा और लाहौल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रहने के लिए सम्मानित किया। उन्होंने यह सम्मान यहां आर्थिकी और सांख्यिकी विभाग की तरफ से तैयार रिपोर्ट को जारी करने के अवसर पर प्रदान किया।

PunjabKesari

इस रिपोर्ट में 8 मूल विषय, 19 केंद्र बिंदु तथा 90 विशिष्ट कारक शामिल किए गए हैं। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व जल आपूर्ति सहित विविध क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विकास संकेतकों का आकलन किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश का बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और समावेशी तथा समग्र विकास के आदर्श राज्य के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन और शासन की मूल इकाई जिला है। उन्होंने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक की चौथी रिपोर्ट 12 जिलों के माध्यमिक आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है, जिसके अन्तर्गत सभी जिलों के तुलनात्मक आंकलन के लिए सभी आंकड़े एकत्रित किए गए।

जिला सुशासन सूचकांक-2022 में 8 मूल विषय आवश्यक बुनियादी ढांचा, मानव विकास, सामाजिक संरक्षण, महिलाएं एवं बच्चे, अपराध, कानून एवं व्यवस्था, पर्यावरण, पारदर्शिता और जवाबदेही और आर्थिक प्रदर्शन शामिल हैं। दूसरे स्तर पर 19 केंद्र बिंदु रखे गए हैं।

जिनमें से प्रत्येक विषय के अन्तर्गत बिजली, पानी, सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक वितरण योजना, सामाजिक न्याय, रोजगार, बच्चों और महिलाओं से संबंधित विषय, हिंसक अपराध, कानून एवं व्यवस्था, अत्याचार, पर्यावरण उल्लंघन, वन क्षेत्र, पारदर्शिता और दायित्व, अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्र तथा वाणिज्य और उद्योग के रुप में योगदान से संबंधित मामले शामिल हैं।

तीसरे स्तर पर 90 विशिष्ट कारकों के आधार पर जिलों में उपलब्ध आंकड़ों का एकीकरण तथा विश्लेषण किया गया है। जिला स्तर सूचकांकों के त्रि-स्तरीय मूल्यांकन के आधार पर सभी 12 जिलों की रैंकिंग की गई है।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक तत्काल सुधार के लिए मजबूत और कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक है और जिलों की रैंकिंग को मापता है।

ये रहे उपस्थित

प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव वित्त डाॅ. अभिषेक जैन, आर्थिक सलाहकार डाॅ. विनोद कुमार, विभिन्न जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

लवी मेला के महत्व को बढ़ाना प्राथमिकता – उपायुक्त

हिमखबर डेस्क उपायुक्त शिमला एवं अध्यक्ष लवी मेला रामपुर अनुपम...