सराज की बाड़ा निवासी सरला देवी पर टूटा दुखों का पहाड़, घर-जमीन सब बाढ़ में बहे
मंडी – अजय सूर्या
सराज त्रासदी ने मंडी को इतने जख्म दिए हैं कि हर कोई अपने भीतर गमों की बाढ़ को समेटे बैठा है। बाड़ा पंचायत में जलजला आया, तो एक परिवार की दुनिया ही उजाड़ कर चला गया। इस जलजले में सरला नाम के महिला के सिर का ताज बह गया और गोद में रह गए दो मासूम बच्चे।
अब वह मददगार के सहारे पंचायत भवन में रातें काट रही हैं। सरला देवी पर दो बच्चों के साथ अपने ससुर को संभालने की जिम्मेदारी भी है। पति का साथ छूटा, सास आंखों के सामने से गुम हो गई। सिर छुपाने को घर रहा नहीं और अब नया आशियाना बनाने के लिए जमीन भी नहीं।
सरला देवी पर दुखों का पहाड़ ऐसा टूटा है कि सास मुंगेरी देवी को बचाने की कोशिश में पति विधि सिंह का साथ भी छूट गया। पांच और आठ साल के दो बच्चे मां के आंसुओं को रोक भी नहीं सकते हैं। लोग मदद कर रहे हैं। खाने का इंतजाम हो रहा है, लेकिन घर बनाने को जमीन न होना भी सरला को परेशान कर रहा है। छह कमरों के मकान,गोशाला और पांच पशु भी काल का ग्रास बन गए।
नहीं थम रहा आंसुओं का सैलाब
सरला उस रात को याद कर अपने आंसू नही रोक पाती है। रात करीब 11 बजे मलबा आया। मकान टूटा, तो पति विधि सिंह अपनी मां को बचाने की कोशिश करने लगा और फिर दोनों ही आंखों के सामने ऐसे ओझल हुए कि फिर लाश बन गए। अब आंसुओं की बाढ़ को सरला समेट नहीं पा रही है।
प्रशासन ने दी फौरी राहत
सरला देवी को बाढ ने जख्म दिए तो प्रशासन ने राहत के रूप में करीब 20 हजार रुपए भी मुहैया करवा दिए, लेकिन इनसे हालात में सुधार नहीं हो सकता। मलबे ने घर का अस्तिव ऐसा मिटाया है कि अब उसी स्थान पर नया घर भी बन नहीं सकता और दूसरी सुरक्षित जगह पर जमीन है नहीं।
वीर मंडल ने 55 परिवारों को दिए तीन-तीन हजार
त्रासदी पीडि़तों को राहत सामग्री बांटने में लगे वीर मंडल मंडी के सदस्यों ने सरला को बाड़ा पंचायत में जाकर दस हजार की आर्थिक मदद की है। इस दौरन कुल 55 परिवारों का कंबल, कपड़े और रसोई का सामान भी उपल्ब्ध करवाया गया है। वीर मंडल के सदस्य चंद्रशेखर ने बताया कि थुनाग में 68 क्विंटल राशन भी दिया गया है। इसके अलावा 55 परिवारों को तीन-तीन हजार रुपए भी नकद दिए गए हैं।