सरकार के ख़िलाफ़ एकजुट हुए मज़दूर संगठन

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मंडी – अजय सूर्या

राज्य सरकार द्धारा गत एक वर्ष से श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मनरेगा व निर्माण मज़दूरों के लाभ रोकने के ख़िलाफ़ आज उपायुक्त मंडी के माध्य्म से छह मज़दूर संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को सँयुक्त माँगपत्र भेजा और रोकी गई मज़दूरों की वित्तिय सहायता एक माह के भीतर जारी करने का अल्टीमेटम दिया।

जिसका नेतृत्व सँयुक्त ट्रेड यूनियन सँघर्ष समिति के राज्य सयोंजक व सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह इंटक के वाईपी कपूर भारतीय मज़दूर संघ के मंगत राम नेगी एटक के ललित ठाकुर सर्वकामगार संगठन के संत राम ने किया।

सभी संगठनों के मुख्य पदाधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।सभी मज़दूर नेताओं ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार के गठन के एक दिन बाद ही राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्धारा गत वर्ष 12 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर कर दिया गया है।

उसके बाद 8 फ़रवरी को अन्य निर्माण मज़दूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और उन्हें मिलने वाली सहयता पर सेस की गैर कानूनी शर्त लगाकर उस पर भी रोक लगा दी है जिससे बोर्ड में पिछले तीन साल में जमा आवेदनों के 50 करोड़ रूपये से अधिक की वित्तिय सहायता भी रोक दी हैं।

जिसके ख़िलाफ़ सभी ट्रेड यूनियनों ने 7 दिसंबर को घुमारवीं में सरकार के ख़िलाफ़ सँयुक्त सँघर्ष समिति गठित की है।उसके बाद 12 दिसबंर को विरोध दिवस मनाया था और आज सभी जिलों से माँगपत्र भेजे गए हैं।

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