शिमला – नितिश पठानियां
सुक्खू सरकार ने अनुशासनहीनता पर अफसरशाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एसीएस गृह ओंकार शर्मा, डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजीव गांधी को छुट्टी पर भेज दिया है। इसके साथ ही ओंकार शर्मा से सभी विभागों को वापस ले लिया है।
डीजी विजिलेंस अशोक तिवारी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजीव गांधी को अनुशासनहीनता व आपसी खींचतान पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं।
एसपी शिमला का कार्यभार जिला सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को दिया गया है। हालांकि, अधिसूचना के अनुसार डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा ने अर्जित अवकाश और एसपी संजीव गांधी ने मेडिकल लीव के लिए आवेदन भी कर लिया था।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बुधवार को ओक ओवर शिमला में हुई उच्च अधिकारियों की बैठक में तीनों अधिकारियों की भूमिका पर चर्चा हुई। उसके बाद सरकार ने इन्हें छुट्टी पर भेजने और इन पर कार्रवाई करने का फैसला लिया।
इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव विधि शरद कुमार लगवाल और महाधिवक्ता अनूप रतन उपस्थित हुए।
संजीव गांधी पर प्रेस वार्ता में अनुशासहीनता के आरोप में लंबी छुट्टी पर भेजने पर सहमति बनी। गांधी पर निलंबन की कार्रवाई के लिए डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा के पत्र को भी आधार बनाया जा रहा है।
डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा के खींचतान में शामिल होने और अन्य पहलुओं पर चर्चा के बाद उन्हें भी फिलहाल छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया। हालांकि डीजीपी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इसी तरह अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की कार्रवाई की रिपोर्ट से भी सरकार नाखुश है। इसे एक पक्ष से ही बातचीत पर आधारित माना जा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक दिन पहले ही तीनों अधिकारियों की भूमिका पर तीखी प्रतिक्रिया दे चुके थे।
पंत, कदम और राखिल को दिए ओंकार के विभाग
ओंकार शर्मा के पास जनजातीय विकास, राजस्व, जलशक्ति, गृह और विजिलेंस विभाग भी रहे हैं। वह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें अवकाश पर भेजे जाने के बीच अब अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश कुमार पंत को गृह, विजिलेंस व राजस्व, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चेयरमैन, सचिव कदम संदीप वसंत को जलशक्ति विभाग और सचिव राखिल काहलों को जनजातीय विकास विभाग का जिम्मा दिया गया है।