ज्वाली – शिवू ठाकुर
आज के समय में जहां एक ओर सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या प्रतिदिन कम हो रही है यहां तक की सरकारी शिक्षक भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा दिलवा रहे हैं। वहीं जिला काँगड़ा के ज्वाली उपमण्डल के कुछ सरकारी शिक्षकों ने अब तो हद कर दी है।
आपको बता दें कि आज कल प्रदेश के स्कूलों में दाखिलों का समय चल रहा है जिसमें सभी प्राइवेट स्कूल बच्चों को आकर्षित करने के लिए तरह तरह के साधन अपना रहे हैं। जिसमें से एक साधन है अविभावकों द्वारा दिये गए बयानों वीडियो सोशल मीडिया मंच पर अपलोड करके स्कूल का विज्ञापन करवाना।
जिसमें देखा जा रहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक भी बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे। वे प्राइवेट स्कूलों का महिमा मंडन इस प्रकार कर रहे हैं जैसे कि प्राइवेट स्कूल ही उनको तनख्वाह दे रहे हों। ऐसे में यदि सरकारी अध्यापक ही सरकारी स्कूलों को दरकिनार करके प्राइवेट स्कूलों का इस प्रकार से यशोगान करेंगे तब तो सरकारी स्कूल अब भगवान ही भरोसा है।
यह सोचने वाली बात है यदि सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले अध्यापक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं और ऊपर से इस तरह की प्राइवेट स्कूलों की तरफदारी और चापलूसी करेंगे तो आम जन सरकारी स्कूलों की ओर रुख क्यों करेंगे।
आखिर इतनी मोटी मोटी फीस अदा करने के बाद भी ऐसा क्या हो गया कि उनको प्राइवेट स्कूलों का महिमा मंडन करना पड़ रहा है। वहीं बुद्धिजीवी वर्ग ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह से मांग उठाई है कि ऐसे अध्यापकों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत सिंह के बोल
इस बारे में शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जानकारी प्राप्त हुई है जल्द ही जांच कर ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

